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अंबिकापुर

अब मैनपाट में 1000 एकड़ शासकीय जमीन का फर्जीवाड़ा! ग्रामीणों ने कलेक्टर से की शिकायत

Land fraud in Mainpat: सरपंच-उपसरपंच समेत ग्रामीणों का कहना है कि पटवारी, तहसीलदार तथा आदिम जाति सेवा सहकारी समिति नर्मदापुर के सहप्रबंधक ने मिलीभगत कर 1000 एकड़ शासकीय भूमि को निजी मद में दर्ज कर धान विक्रय व बैंकों से ऋण लेकर 100 करोड़ से अधिक का किया है गबन

अंबिकापुरMay 23, 2023 / 08:15 pm

rampravesh vishwakarma

Land fraud in Mainpat

Mainpat villagers complaint to collector of land fraud case

अंबिकापुर. Land fraud in Mainpat: राजस्व अधिकारियों की मिलीभगत से शासकीय भूमि को निजी मद में दर्ज कर धान विक्रय व बैंकों से लोन लेने का खेल सरगुजा में चल रहा है। कुछ दिन पूर्व ही बतौली थाना क्षेत्र के ग्राम भटको सहित अन्य गांवों की 130 एकड़ जमीन को फर्जी तरीके से निजी मद में दर्ज करा लिया गया था। इस मामले में मंत्री के पूर्व कथित निजी सचिव, पटवारी, कानूनगो सहित 23 लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज किया गया था। इसी बीच मैनपाट के 4 ग्राम पंचायतों में 1000 एकड़ शासकीय भूमि का फर्जीवाड़ा करने का आरोपी ग्रामीणों ने लगाते हुए इसकी शिकायत सरपंच-उपसरपंच सहित ग्रामीणों ने मंगलवार को कलेक्टर से जनदर्शन में की है। उन्होंने मामले की जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

कलेक्टर को दिए गए शिकायती आवेदन में ग्रामीणों ने बताया है कि मैनपाट के ग्राम कंडराजा, बरिमा, नर्मदापुर व उरंगा में पटवारी, तहसीलदार व आदिम जाति सेवा सहकारी सेवा समिति नर्मदापुर के सहप्रबंधक की मिलीभगत से 1000 एकड़ भूमि निजी मद में दर्ज कर धान विक्रय व बैंकों से ऋण लेकर 100 करोड रुपए गबन कर शासन को क्षति पहुंचाई गई है।
उन्होंने बताया है कि ग्राम कंडराजा के शासकीय भूमि खसरा नंबर- 1, 39, 297, 300 व 301 की भूमि आदिम जाति सेवा सहकारी सेवा समिति नर्मदापुर के सहप्रबंधक के पद पर पदस्थ ग्राम नर्मदापुर निवासी मोहन यादव द्वारा स्वयं व अपने परिजनों के नाम से 390 एकड़ शासकीय भूमि का बटांकन कर निजी मद में दर्ज करा लिया गया है।
उन्होंने बताया कि उक्त भूमि में 1990 में सामाजिक वानिकी विभाग द्वारा पौधरोपण किया गया था, यहां अभी भी लाखों पेड़ हैं। इस जमीन को तत्कालीन पटवारी द्वारा कूटरचित कर मोहन यादव के परिजनों के नाम से कर धान का विक्रय किया गया है।
वहीं सेंट्रल बैंक, स्टेट बैंक व ग्रामीण बैंक से उक्त भूमि को दिखाकर करोड़ों रुपए का ऋण भी स्वीकृत कराया गया है। इसमें मैनपाट तहसीलदार की भूमिका भी संदिग्ध है, क्योंकि उक्त शासकीय भूमि को निजी मद में दर्ज कर बटांकन व नक्शा भी दुरुस्त किया गया है।

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नर्मदापुर, उरंगा व बरिमा में भी फर्जीवाड़ा
शिकायत में ग्रामीणों ने बताया है कि इसी प्रकार ग्राम नर्मदापुर में भी कई एकड़ शासकीय भूमि को अवैध रूप से निजी मद में दर्ज कर आदिम जाति सेवा सहकारी समिति में कूटरचना कर ऋण लेने के अलावा धान का विक्रय किया है।
वहीं ग्राम बरिमा में खसरा नंबर 1135/1, 2, 3, 832/6 तथा 1333/18 सहित एनएमडीसी को आवंटित भूमि पर भी फर्जीवाड़ा कर धान विक्रय किया है। इसी प्रकार ग्राम उरंगा में फुलबसिया बाई द्वारा स्कूल, आंगनबाड़ी भवन को दान की गई भूमि को नर्मदापुर निवासी विजय यादव पिता छोटन द्वारा अपने नाम से करा लिया गया है।

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ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग
ग्रामीणों ने ग्राम कंडराजा, बरिमा, नर्मदापुर व उरंगा में 1000 शासकीय भूमि के फर्जीवाड़े मामले में कलेक्टर से जांच पश्चात दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।

उनका कहना है कि शासकीय जमीन के फर्जीवाड़े की जानकारी पटवारी व तहसीलदार को भी है। वहीं भू-माफियाओं द्वारा उन्हें डराने-धमकाने का भी कार्य किया जा रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि मामले की जांच और कार्रवाई नहीं होती है तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।

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