गौरतलब है कि जिले के ओडग़ी तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत खोहिर के आश्रित ग्राम लुल्ह निवासी श्रीकांत चेरवा के 12 वर्षीय पुत्र बसंत चेरवा विगत चार दिनों से मलेरिया बुखार से पीडि़त था। ग्राम लुल्ह में उपचार और आवागमन के साधनों की व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण परिजन घर में ही देशी इलाज कर रहे थे।
पूर्ण नियंत्रण के दावे की खुल रही पोल
चांदनी बिहारपुर क्षेत्र में दो महीने पूर्व फैले मलेरिया का प्रकोप अभी भी कई ग्रामों में कायम है। लेकिन प्रशासनिक स्तर पर क्षेत्र की स्थिति को पूरी तरह से नियंत्रित मानते हुए स्वास्थ्य अमला ने यहां ध्यान देना बंद कर दिया है। स्वास्थ्य व्यवस्था का आलम यह है कि चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के लिए आबंटित संजीवनी एक्सप्रेस 108 कैम्प हटाने के बाद से ही नदारद है। वहीं महुली में शुरू किया गया उपस्वास्थ्य केन्द्र विगत चार दिनों से बंद पड़ा है।
नियमित चिकित्सक व 108 की उठी मांग
क्षेत्र में मौतों का सिलसिला न रूकने से परेशान ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने जिले के कलक्टर का ध्यान आकर्षित कराते हुए बिहारपुर स्थित स्वास्थ्य केन्द्र में दो नियमित चिकित्सक की व्यवस्था और स्थायी रूप से चांदनी बिहारपुर क्षेत्र के लिए 108 एम्बुलेंस की मांग की है। उन्होंने बताया कि हाल ही में हुई दो मौतों को सुविधा मुहैया होने पर रोका जा सकता था। ग्रामीणों ने क्षेत्र के सभी ग्रामों में जमीनी स्वास्थ्य अमले को सक्रिय रखने और सतत मॉनिटरिंग करने की मांग भी की है