अंबिकापुर. Bharat Bandh 2024: सुप्रीम कोर्ट द्वारा आरक्षण में वर्गीकरण एवं क्रीमीलेयर लागू किए जाने के निर्णय के विरोध में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज ने बुधवार को भारत बंद (Bharat Bandh 2024) का आह्वान किया था। इसका असर सरगुजा में मिला-जुला रहा। समाज द्वारा शहर में रैली निकालकर दुकानों को बंद कराने का प्रयास किया गया। इसके बावजूद दुकानें पूरी बंद नहीं हुई। इसी बीच दोपहर 3 बजे शहर के गांधी चौक पर काफी संख्या में समाज के लोगों ने एकजुट होकर चक्काजाम (Bharat Bandh 2024) कर दिया, जो कुछ देर बाद समाप्त हो गया।
भारत बंद (Bharat Bandh 2024) के समर्थन में काफी संख्या में अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज के लोग शहर में सुबह से ही सक्रिय हो गए। उन्होंने कलेक्टोरेट चौक से रैली निकली। वहीं जगह-जगह घूमकर दुकानों-प्रतिष्ठानों को बंद कराने आह्वान किया गया।
भारत बंद (Bharat Bandh 2024) के मद्देनजर सुबह से ही शहर के चौक-चौराहों पर पुलिस बल की तैनाती रही। दोपहर बाद समाज द्वारा शहर के गांधी चौक में चक्काजाम किया गया। इस दौरान चारों मार्गों पर वाहनों की लंबी लाइन लग गई थी।
भारत बंद (Bharat Bandh 2024) का असर सरगुजा में विशेष रूप से नहीं दिखा। सभी स्कूल-कॉलेज खुले रहे। छात्र अन्य दिनों की तरह समय पर पढ़ाई करने पहुंचे। वहीं शहर की अधिकांश दुकानें पूर्व की तरह खुली रहीं। हालांकि कुछ संचालकों ने स्वयं दुकानें बंद रखी।
‘अनुसूचित जाति के साथ हो रहा अन्याय’
आंदोलन (Bharat Bandh 2024) में शामिल अनुसूचित जाति एवं जनजाति समाज के पदाधिकारी ने कहा कि जितने भी आदिवासी नेता, मंत्री-सांसद हैं, उनकी कमजोरी के कारण ही आरक्षण में गड़बड़ी हो रही है। उनका कहना है कि अनुसूचित जाति वर्ग के लोगों के साथ वर्षों से अन्याय हो रहा है। हम लोगों का जल, जंगल और जमीन हड़पा गया है।
दरअसल देश में एसटी-एससी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वर्गीकरण एवं क्रीमी लेयर लागू करने के निर्णय को अनुसूचित जनजाति के लोगों ने असंवैधानिक बताया है। साथ ही इसका विरोध प्रदर्शन पूरे देशभर में लगातार किया जा रहा है। इसी के मद्देनजर 21 अगस्त को भारत बंद (Bharat Bandh 2024) का आह्वान किया गया था।
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