समारोह को संबोधित करते हुए मंत्री सिंहदेव ने कहा कि स्वच्छता के अम्बिकापुर मॉडल को इस मुकाम तक पहुंचाने तथा शहर की स्वच्छता का बीड़ा उठाने वाली स्वच्छता दीदियों की लगन और मेहनत का सुखद परिणाम है कि अंबिकापुर का नाम देश-दुनिया में फैल रहा है।
सीमित संसाधन के बावजूद यहां पहुंचना बड़ी बात
मंत्री टीएस सिंहदेव कहा कि आत्म स्वावलंबी नगर पालिक निगम के क्षेत्र में अंबिकापुर को ही देश में माना गया है। सीमित संसाधन होने के बावजूद यहां तक पहुंचना बड़ी बात है। अंबिकापुर से स्वच्छता में जो काम शुरू हुआ उसकी वजह से पूरे छतीसगढ़ ने इस मॉडल को अपनाया है, जिसके परिणाम स्वरूप छतीसगढ़ के 67 नगरीय निकाय को इस बार स्वच्छता में पुरस्कार मिला।
‘शीर्ष पर पहुंचने में एक कदम रह गए पीछे’
छतीसगढ़ वनौषधि पादप विकास बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक ने कहा कि अम्बिकापुर नगर निगम को स्वच्छता के पहले पायदान पर ले जाने के लिए सभी मिलकर संकल्प लें कि शीर्ष पर पहुंचने में एक कदम पीछे रह गए हैं, उसे आगे बढ़ाना है। यदि हम इच्छा शक्ति दिखाएंगे तो काम जरूर सफल होगा।
‘सभी के सहयोग से बेहतर प्रदर्शन’
महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा कि मार्च 2015 से अम्बिकापुर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन का काम शुरू किया गया तथा माह अगस्त तक 17 एसएलआरएम सेंटर बन गए। स्वच्छता दीदी, निगम अमले के जनप्रतिनिधि तथा नागरिकों के सहयोग से स्वच्छता में लगातार बेहतर प्रदर्शन रहा। उन्होंने कहा कि इस बार जिन क्षेत्रों में अंक कम हुआ है उस पर सुधार कर आगे बढऩा है।