कोरिया जिला मुख्यालय बैकुंठपुर से करीब 20 किलोमीटर दूर ग्राम पंचायत खंधौरा के काफी संख्या में ग्रामीण उल्टी-दस्त से पीडि़त हैं। स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर इलाज नहीं मिलने के कारण अस्पताल में भर्ती 4 मरीज भी कहीं चले गए हैं। वहीं बुधवार को बैकुंठपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में एक बालक सलमान पिता महिपाल की मौत हो गई। एक सप्ताह पहले भी उल्टी-दस्त के प्रकोप से एक बुजुर्ग महिला की मौत हो गई थी।
प्राइवेट अस्पताल की शरण में 4 पीडि़त
जानकारी के अनुसार उल्टी-दस्त की शिकायत होने पर परिजनों ने ४ मरीजों को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चिरमी में भर्ती कराया था। जिसमें जीवनराम पिता अर्जुन (23), दलसाय पिता जगतराम (25), बिजेंद्र कुमार पति गुरुचरण (22), गुुरुचरण पिता बोधन (25) शामिल थे। लेकिन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बेहतर इलाज नहीं मिलने और लापरवाही बरतने पर अचानक कहीं चले गए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि बैकुंठपुर के प्राइवेट अस्पताल में भर्ती किया गया है। मामले में श्रममंत्री राजवाड़े ने स्वास्थ्य अमले को जमकर फटकार लगाई और तत्काल पीडि़त मरीजों को हर हाल में ढूंढने के निर्देश दिए हैं।
लगातार लगाएं शिविर, लापरवाही पर होगी कार्रवाई
श्रममंत्री राजवाड़े ने उल्टी-दस्त से पीडि़त ग्राम पंचायत खंधौरा में लगातार शिविर लगाकर स्वास्थ्य परीक्षण कराने के निर्देश दिए हैं। इस दौरान ग्रामीण का उपचार करने में लापरवाही बरतने पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। वहीं गंभीर रूप से पीडि़त मरीजों को तत्काल जिला अस्पताल रेफर करने और पर्याप्त मात्रा में दवाइयां उपलब्ध कराने कहा है। श्रममंत्री ने ग्राम पंचायत के हर घर का डोर-टू-डोर सर्वे कर उल्टी दस्त पीडि़तों को बेहतर उपचार कराने और पेयजल सहित अन्य जल स्रोत में दवा छिड़काव करने, सैंपल लेकर जांच कराने के निर्देश दिए हैं।
जनपद सदस्य ने कहा, स्वास्थ्य अमले की लापरवाही
जनपद सदस्य सिंह ने उल्टी-दस्त फैलने पर स्थानीय स्वास्थ्य अमले को जानकारी दी थी, लेकिन स्वास्थ्य अमला किसी प्रकार ध्यान नहीं दिया। जिससे गांव में लगातार उल्टी-दस्त के मरीज बढऩे लग गए हैं। इसके अलावा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के स्टाफ की लापरवाही और बेहतर उपचार नहीं मिलने के कारण ग्रामीण प्राइवेट अस्पताल में उपचार कराने को मजबूर हो गए हैं।