भारत सरकार आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की मौजूदगी में स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के परिणामों की घोषणा की गई। इसमें अंबिकापुर नगर निगम का परिणाम काफी निराशाजनक रहा। पिछले वर्ष स्वच्छता सर्वेक्षण में अंबिकापुर चौथे नंबर पर था।
इस बार 9500 अंकों की थी प्रतियोगिता
इस बार देश में कराया गया स्वच्छता सर्वेक्षण 9500 अंकों का था। इनमें स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए 4830 अंक, 2500 अंक सर्टिफिकेशन व 2170 अंक सिटीजन फीडबैक के लिए निर्धारित थे। इनमें से नगर निगम को सर्वेक्षण में 4148 अंक, सर्टिफिकेशन में 1450 व सिटीजन फीडबैक में 1869 नंबर मिले हैं।
जर्जर सडक़ें व टूटी नालियां मुख्य वजह
सवच्छता सर्वेक्षण में चौथे नंबर से २७ वें नंबर पर पहुंचने का मुख्य कारण निगम क्षेत्र की जर्जर सडक़ें व टूटी हुई नालियां है। नगर निगम द्वारा समय रहते इन मुख्य कार्यों पर ध्यान नहीं दिया गया।
चुनाव के दौरान किया गया था सर्वेक्षण का कार्य
विधानसभा चुनाव के दौरान केन्द्रीय टीम द्वारा अंबिकापुर नगर निगम क्षेत्र में सर्वेक्षण का कार्य किया गया था। इस दौरान नगर निगम की अधिकांश सडक़ें व नालियां जर्जर थीं। वहीं आचार संहिता लागू होने के कारण निगम क्षेत्र के चौक-चौराहों का विकास, वार्डों में सडक़ व नाली का संरचनात्मक विकास नहीं हो पाया था।
यह है अब तक की स्थिति
– 2017 में 2 लाख की जनसंख्या वाले शहरों में देश में प्रथम एवं पूरे देश में 15वें स्थान में था।
– 2018 में 2 लाख की जनसंख्या वाले शहरों में देश में प्रथम, बेस्ट प्रैक्टिस इनोवेशन में देश में अव्वल एवं पूरे देश में 11वें स्थान में था।
– 2019 में दो लाख की जनसंख्या वाले शहरों में देश में प्रथम एवं पूरे देश में दूसरे स्थान में था। एवं 5 स्टार रेटिंग से पुरस्कृत किया गया था।
– 2020 में 1 लाख से 10 लाख के जनसंख्या वाले शहरों में अंबिकापुर अव्वल रहा।
– 2021 में 1 से 3 लाख जनसंख्या वाले शहरों में प्रथम एवं देश में पांचवें नंबर पर रहा।
– 2022 में 1 से 3 लाख जनसंख्या वाले शहरों में द्वितीय एवं देश में चौथे नंबर पर रहा।