गौरतलब है कि सरगुजा में रेल कनेक्टिविटी को बढ़ाने की मांग अरसे से चली आ रही है, इसमें अंबिकापुर-बरवाडीह रेल लाइन, अंबिकापुर-रायपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस जैसी बड़ी मांगें शामिल हैं। बरवाडीह रेल लाइन का भविष्य तो अधर में ही नजर आ रहा है, लेकिन रायपुर इंटरसिटी एक्सप्रेस सहित अन्य लंबी दूरी तक की ट्रेन अगर चलानी है तो पहले अंबिकापुर रेलवे स्टेशन की वर्तमान स्थिति व क्षमता पर भी ध्यान देना आवश्यक हो जाता है।
अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस के लेट होने से परेशानी
एक ही प्लेटफार्म पर ट्रेनों के चलने से परिचालन बाधित होने की बड़ी समस्या है। इसका खामियाजा यात्रियों को भी भुगतना पड़ता है। जिस दिन अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस रात में निर्धारित समय से लेट होती है, स्टेशन पर आपाधापी की स्थिति निर्मित रहती है। स्टेशन मास्टर से लेकर कर्मचारी तक इधर-उधर दौड़ते नजर आते हैं।
एक और प्लेटफार्म बना तो कोई भी ट्रेन दौड़ा लेंगे
अंबिकापुर रेलवे स्टेशन को अभी लंबी दूरी की ट्रेन से ज्यादा जरूरत एक और प्लेटफार्म की है। जब तक एक और प्लेटफार्म नहीं बन जाता, लंबी दूरी की ट्रेन चलाने की बात का कोई औचित्य नजर नहीं आता, क्योंकि वर्तमान में एक प्लेटफार्म पर चार ट्रेन के परिचालन में काफी दिक्कत आ रही है तो अन्य टे्रनें कैसे चलाई जा सकतीं हैं।
संभाग से मिलता है अच्छा राजस्व
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे के तहत आने वाले सरगुजा संभाग से रेलवे को काफी राजस्व मिलता है। इसके बावजूद जब रेल व यात्री सुविधा देने की बात आती है तो सरगुजा जैसे महत्वपूर्ण सेक्शन की उपेक्षा हो जाती है।
अंबिकापुर से ये ट्रेन फिलहाल चल रही
अंबिकापुर-दुर्ग एक्सप्रेस
अंबिकापुर-जबलपुर एक्सप्रेस
अंबिकापुर-अनूपपुर-मनेंद्रगढ़
मेमू ट्रेन, अंबिकापुर से अनूपपुर
एक और प्लेटफार्म से ट्रेनों के परिचालन में होगी आसानी
अगर स्टेशन पर एक और प्लेटफार्म बना दिया जाए तो ट्रेनों के परिचालन में आसानी होगी। नई ट्रेनों को भी आसानी से चलाया जा सकता है।
मनोज अजय खलखो, स्टेशन प्रबंधक, अंबिकापुर रेलवे स्टेशन