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महात्मा गांधी स्कूलों में परीक्षा के जरिए होगा शिक्षकों का चयन

जिले के अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूलों में एक बार फिर हिन्दी माध्यम के शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाएंगे। शिक्षा विभाग इस बार भी अंग्रेजी में पढ़ाने वाले शिक्षकों की व्यवस्था नहीं कर पाया है। ऐसे में गरीब बच्चों का फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है।

अलवरJul 22, 2024 / 11:59 am

Umesh Sharma

अलवर.

जिले के अंग्रेजी माध्यम के महात्मा गांधी स्कूलों में एक बार फिर हिन्दी माध्यम के शिक्षक ही बच्चों को पढ़ाएंगे। शिक्षा विभाग इस बार भी अंग्रेजी में पढ़ाने वाले शिक्षकों की व्यवस्था नहीं कर पाया है। ऐसे में गरीब बच्चों का फर्राटेदार अंग्रेजी बोलने का सपना पूरा होता नहीं दिख रहा है। हालांकि विभाग की ओर से परीक्षा के माध्यम से शिक्षकों का चयन किया जाएगा। ऐसे में उम्मीद लगाई जा सकती है कि योग्य शिक्षक ही अंग्रेजी स्कूलों में अध्ययन कराएंगे। इसके लिए प्रिंसिपल सहित सभी तरह के पदों पर प्रतिनियुक्ति दी जाएगी।

स्कूल खोले मगर शिक्षक नहीं मिले

पूर्ववर्ती सरकार के समय हिन्दी माध्यम के स्कूलों को ही महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम की स्कूलों में तब्दील किया गया था, लेकिन शुरुआत से ही यहां अंग्रेजी में पढ़ाने वाले शिक्षकों का टोटा रहा। इस बार भी यही स्थिति रही। जिसके बाद पूरे प्रदेशभर के लिए तय हुआ है कि सरकारी स्कूलों में पढ़ा रहे शिक्षकों को ही इन स्कूलों में अध्यापन कार्य में लगाया जाए। इसके लिए परीक्षा होगी, जिसमें शामिल होने के लिए 22 जुलाई तक आवेदन किया जा सकेगा।

वरिष्ठता पर नहीं होगा कोई असर

अगर शिक्षक एक स्थान से ट्रांफसर होकर दूसरी जगह पर जाता है तो उसकी वरिष्ठता खत्म हो जाती है, लेकिन महात्मा गांधी स्कूलों में ट्रांफसर हो जाने के बाद वरिष्ठता पर कोई आंच नहीं आएगी। विभाग की ओर से आयोजित परीक्षा में सफल शिक्षक की इच्छानुसार काउंसिल द्वारा अधिकतम तीन साल साल के लिए प्रतिनियुक्ति दी जाएगी। इन तीन सालों में कार्मिक की सीनियरिटी उसके मूल पदस्थापन स्थान की ही रहेगी। विभाग की इस प्रक्रिया से शिक्षक जो अन्य दूरदराज के जिलों में पदस्थापित हैं या पति-पत्नी अलग-अलग स्थानों पर कार्यरत हैं, वे बिना स्थानांतरण के इच्छित स्थान पर पदस्थापित हो सकते हैं।
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100 की परीक्षा 40 अंक लाना अनिवार्य

परीक्षा 100 अंक की होगी। इसमें 40 अंक लाना अनिवार्य हैं। परीक्षा में पास होने वाले शिक्षकों का स्कूलों में पदस्थापन ऑनलाइन काउंसलिंग के जरिए किया जाएगा। परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी रखी गई है। प्रत्येक गलत उत्तर पर 1/4 अंक काटे जाएंगे। इसमें तृतीय श्रेणी शिक्षक अधिकतम पांच जिलों का विकल्प भर सकेंगे और वरिष्ठ अध्यापक एक मंडल के सभी जिलों का विकल्प भर सकेंगे। साथ ही प्रिंसिपल और व्याख्याता न्यूनतम एक और अधिकतम राज्य के 50 जिलों का विकल्प देंगे। बताया जाता है कि अगर कोई शिक्षक कोई भी विकल्प नहीं भरा जाएगा तो आवेदन स्वीकार नहीं होगा।

एक्सपर्ट व्यू:

महात्मा गांधी स्कूलों के लिए माध्यमिक शिक्षा निदेशक की ओर से आवेदन मांगे गए हैं। इसमें प्रिंसिपल, वरिष्ठ अध्यापक, तृतीय श्रेणी अध्यापक, शारीरिक शिक्षक, कम्प्यूटर अनुदेशक सहित अन्य पद हैं। लेकिन अंग्रेजी माध्यम के स्कूल सही तरह से तभी संचालित हो सकते है, जब अलग से अंग्रेजी माध्यम के शिक्षकों की भर्ती और अलग से कैडर का निर्माण किया जाए।
सुशील नागर, प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष, राज. शिक्षक संघ राधाकृष्णन

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