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देवउठनी एकादशी पर फिर गूंजेगी शहनाई, ये रहेंगे शुभ मुहूर्त 

कार्तिक मास में आने वाली देवउठनी एकादशी से फिर से शादी ब्याह की शहनाई की गूंज सुनाई देगी। इसी के साथ ही शादी ब्याह व मांगलिक कार्य का दौर फिर से प्रारंभ हो जाएगा।

अलवरNov 04, 2024 / 12:54 pm

Rajendra Banjara

कार्तिक मास में आने वाली देवउठनी एकादशी से फिर से शादी ब्याह की शहनाई की गूंज सुनाई देगी। इसी के साथ ही शादी ब्याह व मांगलिक कार्य का दौर फिर से प्रारंभ हो जाएगा। इस बार नवंबर में 9 दिन तक और दिसंबर में 10 दिन तक शादी ब्याह की धूम रहेगी। गौरतलब है कि देवउठनी एकादशी के बाद करीब 123 दिन के विराम के बाद मांगलिक कार्य प्रारंभ होंगे। शादी ब्याह को लेकर वर व वधू पक्ष तैयारी में जूट गए हैं। चार माह के बाद बड़ा सावा होने से इस दिन बड़ी संख्या में शादियां होंगी। इसके लिए मैरिज होम, पंडित, पार्लर, हलवाई, कैटर्स सभी पहले ही बुक हो चुके हैँ।

विवाह मुहूर्त

नवंबर में 16, 17, 18, 22, 23, 24, 25, 26 और 28 तथा दिसंबर में 2, 3, 4, 5, 9, 10, 11, 13, 14 और 15 तारीख विवाह का शुभ मुहूर्त है। नवंबर और दिसंबर में कुल 19 शुभ विवाह मुहूर्त रहेंगे। देवउठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर को मनाया जाएगा और इस दिन तुलसी-शालिग्राम विवाह के साथ मांगलिक कार्यों की शुरुआत होगी। चार महीने तक भगवान विष्णु के विश्राम के कारण विवाह जैसे कार्य वर्जित रहे। 12 नवंबर से विवाह मुहूर्तों की शुरुआत होगी, लेकिन 16 दिसंबर से खरमास की शुरुआत होगी, जो 15 जनवरी 2025 तक चलेगा।
16 दिसंबर से लगेगा विराम: देवउठनी एकादशी का पर्व 12 नवंबर को रहेगा। इस दिन घरों में देव उठाए जाएंगे। नवंबर और दिसंबर के पहले पखवाड़े में लग्न मुहूर्त अधिक रहेंगे । इसके बाद 16 दिसंबर से सूर्य के धनु राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास की शुरुआत हो जाएगी, जो 15 जनवरी 2025 मकर संक्रांति तक रहेगा। इस दौरान मांगलिक कार्यों पर विराम रहेगा। 15 जनवरी को सूर्य के मकर राशि में प्रवेश के साथ ही खरमास समाप्त होगा और फिर से लग्न मुहूर्त की शुरुआत हो जाएगी।

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