इसमें अंतरराष्ट्रीय उद्यमी और निवेशक भाग लेंगे। जो भौगोलिक स्थिति के अनुसार उद्योग स्थापित करने के लिए चर्चा करेंगे। इसके लिए करीब 100 बीघा जमीन चिह्नित की जानी है। अलवर जिला कलक्टर कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार मालाखेड़ा भी इस दायरे में आता है। इसको लेकर उपखंड अधिकारी मालाखेड़ा को जमीन तलाश ने के लिए पत्र लिखा है।
2021 में हुई घोषणा नहीं चढ़ी परवान
मालाखेड़ा क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने मार्च 2021 में बजट घोषणा की। इस पर राजस्व विभाग, निर्माण विभाग, प्रशासनिक अधिकारी तथा रीको विभाग के अधिकारी तुरंत हरकत में आए जिन्होंने मालाखेड़ा में पहुंचकर बरखेड़ा तथा जाटोली में मौके पर जाकर जमीन का भौतिक सत्यापन किया। जहां 90 बीघा भूमि में से 82 बीघा भूमि ही उद्योग के काबिल नजर आई। भूमि चिन्हित कर उपखंड कार्यालय मालाखेड़ा से 11 अप्रेल 2021 को जिला कलक्टर के पास भूमि रीको के लिए आवंटित करने व उसकी किस्म चेंज करने के लिए प्रस्ताव भेज दिया। 3 वर्ष 6 महीने गुजर जाने के बाद भी बरखेड़ा में उद्योग स्थापित करने के लिए पत्रावली अलवर जिला कलक्टर कार्यालय से नहीं निकली। जनप्रतिनिधि व अधिकारियों की उदासीनता के चलते योजना परवान नहीं चढ़ी। यहां सभी सुविधाएं उपलब्ध होने की वजह से रीको कंपनी की ओर से स्टेट हाईवे 44 जमालपुर स्टैंड तथा अलवर करौली मेगा हाईवे 25 बरखेड़ा गेट पर औद्योगिक क्षेत्र का मार्ग सूचक लगा दिया था लेकिन हुआ कुछ नहीं। इसको लेकर लोगों में गहरी नाराजगी है।
उद्योग स्थापना के लिए सभी सुविधाएं है
बरखेड़ा सरपंच कृष्णा चौधरी का कहना है कि बरखेड़ा में उद्योग स्थापित करने के लिए भौगोलिक स्थिति के अनुसार सभी अनुकूल व्यवस्थाएं हैं। 3 वर्ष से क्षेत्र के लोगों के साथ छलावा हो रहा है। उद्योग यहीं पर स्थापित किया जाना चाहिए। मालाखेड़ा प्रधान वीरवती ने बताया क्षेत्र के पढ़े लिखे आईटीआई होल्डर तथा लघु उद्योग स्थापित करने वाले को मौका मिले। इसलिए उद्योग चिह्नित भूमि पर ही स्थापित कर क्षेत्र का विकास सुनिश्चित करना चाहिए।
समिट में प्रस्तुत की जाएगी जमीन
तहसीलदार मालाखेड़ा मेघा मीणा का कहना है कि वर्तमान में दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस वे के 50 किलोमीटर दायरे में आने वाले क्षेत्र में उद्योग स्थापित करने के लिए सरकार जमीन तलाश कर सरकार की ओर से राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के दौरान प्रस्तुत की जाएगी।