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अलवर

राज्य सरकार ने जारी किया ऐसा परिपत्र, सांसद व विधायक निधि के विकास कार्यों पर लगेगा ब्रेक

राजस्थान सरकार के ग्रामण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने परिपत्र जारी किया है।

अलवरAug 10, 2019 / 11:08 am

Lubhavan

Rajasthan Government New Circular Of MP And MLA Development quota

राज्य सरकार ने जारी किया ऐसा परिपत्र, सांसद व विधायक निधि के विकास कार्यों पर लगेगा ब्रेक

अलवर. सांसद एवं विधायकों की चिट्ठी पर अब विकास कार्य स्वीकृत नहीं हो पाएंगे। अब अपने निर्वाचन क्षेत्र में विकास कार्य स्वीकृत कराने के लिए पहले सम्बन्धित एजेंसी को विकास कार्य वाली जगह के सरकारी व विवाद रहित होने का प्रमाण पत्र देना होगा। सरकार की इस नई व्यवस्था से विकास कार्यों की स्वीकृति में देरी होगी। राज्य सरकार के ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग ने परिपत्र जारी कर निर्देश दिए हैं कि विभाग की सभी योजनाओं में नवीन कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति जारी करने से पूर्व सम्बन्धित एजेंसी को जमीन के कागजात देना आवश्यक होगा। एजेंसी को यह भी बताना होगा कि जमीन सरकारी है और इस पर किसी प्रकार का विवाद नहीं है।
अभी तक यह थी व्यवस्था

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की विभिन्न योजनाओं की वार्षिक कार्य योजना में अनुमोदित कार्यों, सांसद एवं विधायक स्थानीय क्षेत्र योजना में सम्बन्धित सांसद एवं विधायकों की अभिशंसा अनुसार कार्य की स्वीकृति की जाती थी। नवीन कार्यों के प्रस्ताव पर सांसद व विधायक की अभिशंसा मिलने पर प्रशासनिक स्वीकृति जारी कर दी जाती थी। प्रशासनिक स्वीकृति जारी होने के बाद तकनीकी स्वीकृति एवं वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी जाती थी। निर्माण कार्य की वित्तीय स्वीकृति जारी करते समय जमीन के दस्तावेज एवं अन्य सूचनाएं मांगने का प्रावधान था।
सरकार के ये हैं तर्क

ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के परियोजना निदेशक एवं उप सचिव हितबल्लभ शर्मा की ओर से गत 12 जुलाई को जारी परिपत्र में विभाग का तर्क है कि नए निर्माण कार्यों की वित्तीय स्वीकृति जारी करते समय सम्बन्धित एजेंसी के जमीन के कागजात एवं अन्य सूचनाएं देनी होती है। इस कारण निर्माण कार्यों की वित्तीय स्वीकृति जारी करने में अनावश्यक विलम्ब होता है। वहीं कई बार निर्माण कार्यों की स्वीकृति जारी होने के बाद भी जमीन को लेकर विवाद आदि अन्य कारण सामने आते हैं, जिससे निर्माण कार्य पूरा होने में देरी होती है। इस समस्या से बचने के लिए सरकार ने यह नई व्यवस्था की है।
वित्तीय स्वीकृति 45 दिन में जारी करने का प्रावधान

अभी तक अभिशंसा प्राप्त होने से वित्तीय स्वीकृति जारी होने तक 45 दिन की अवधि निर्धारित है। लेकिन सरकार के नए परिपत्र से इस अवधि में विकास कार्यों की वित्तीय स्वीकृति जारी होने में मुश्किलें आने की आशंका है। अभिशंसा के बाद सम्बन्धित एजेंसी से भूमि के सरकारी व गैर विवादित होने का प्रमाण पत्र लाने में समय लगना तय है। इसका सीधा असर विकास कार्यों की स्वीकृति पर पड़ेगा।

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