गौरतलब है कि 2014 में भाजपा शासन के दौरान लिली ग्राम पंचायत का सृजन हुआ था। इसमें तीन गांव सम्मिलित किए गए थे। जिसमें नंगली झामावत, सोताका बास और लिली को शामिल किया था। उस समय करीब 7100 की आबादी थी। साथ ही पंचायत भवन बनाने का प्रस्ताव भेजा गया था जो अटका रह गया। 5 साल ग्रामीणों के वैसे ही निकल गए।
फिर किया पुनर्गठन प्रदेश में सरकार बदली तो कांग्रेस शासन में इस ग्राम पंचायत का फिर से पुनर्गठन हुआ। नगली को फिर इस पंचायत से हटा दिया। वर्तमान समय में करीब 3900 मतदाता के लिए दो गांव शामिल किए। कांग्रेस शासन काल में भी इस ग्राम पंचायत का भवन बनकर तैयार नहीं हुआ। जहां पूरे 5 साल तक उधारी के मकान पर या खुले आसमान तले पंचायत स्तरीय कर्मचारी बैठकर मीटिंग करने के लिए मजबूर बने रहे। अब ग्राम पंचायत के कार्यकाल के 5 साल पूरे होने में केवल एक महीना शेष है, लेकिन अभी तक पंचायत भवन पूरा नहीं हुआ।
अन्य सुविधाएं भी नहीं लिली के श्र सिंह, विजेंद्र सिंह, रामचंद्र सैनी, दीनदयाल सैनी आदि का कहना है कि ग्राम पंचायत 10 वर्ष पहले बनी, लेकिन भवन अब तक पूर्ण रूप से बनकर तैयार ही नहीं हुआ। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी यहां पर कोई भवन नहीं है।
इसी सत्र में भवन का कार्य पूरा करने के निर्देश ग्राम पंचायत भवन का निर्माण कार्य प्रगति पर है। इसी सत्र में पूरे करने के निर्देश दे दिए गए है। इसमें उदासीनता करने वाले को नोटिस दिए जाएंगे।
ओम प्रकाश सैनी, विकास अधिकारी, पंचायत समिति, मालाखेड़ा।