राज्य सरकार ने बाइपास बनाने के लिए मुआवजा चिन्हित किसानों को वितरित कर दिया। साथ ही कार्य शुरू कराया गया, लेकिन यह कार्य धीमी गति में किया जा रहा है। अभी भी बड़े वाहन बीजवाड़ नरूका गांव की आबादी से होकर गुजर रहे है, जिसके चलते यहां पर आए दिन जाम लगता है तथा कई बार दुर्घटनाएं भी घटित हो चुकी है।
स्टेट हाईवे 44 जो नटनी का बारा से मौजपुर की लंबाई 25 पॉइंट 8 किलोमीटर तथा लागत करीब 140 करोड रुपए है। जिसका शुभारंभ कांग्रेस सरकार में तत्कालीन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के समय कराया गया था। हालांकि स्टेट हाईवे नटनी का बारा से मौजपुर का कार्य तो पूरा करा दिया गया, लेकिन बाइपास के कार्य को करीब दो साल होने को आए, पूरा नहीं हो पाया। उक्त कार्य के तहत 100 फीट चौड़ीसड़क बनाई जानी है। जिसमें 22 फीट चौड़ीसड़क डामरीकरण, 40 फीट पटरी, नाली निर्माण व अन्य कार्य शामिल है। नटनी का बारा से चिमरावली मोड तक बीजवाड़ नरूका में आबादी से होकर यह सड़क नहीं बनाने से इसकी करीब 500 मीटर की लंबाई बढाई गई है। जिससे डेढ़ सौ मकान टूटने से तथा बहुत से लोग बेरोजगार होने से बच गए और रोजगार, आवासीय इमारत तथा अर्थव्यवस्था यथावत रह गई।
इससे सरकार को भी लाभ है गांव के अजय कुमार शर्मा, प्रेमसिंह, देवीसिंह, कमलेश शर्मा, अशोक कुमार, राहुल सिंह, पूर्व सरपंच रतिराम बैरवा, शोभाराम बैरवा आदि ने बताया कि स्टेट हाईवे 44 के निर्माण के लिए बाइपास निकाला गया है। इससे सरकार को भी लाभ है। सड़क के पास बसी हुई आबादी भी उजड़ने होने से बच गई।
बाइपास शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश उपखंड अधिकारी मालाखेड़ा नवजोत कंवरिया का कहना है कि कीजवाड़ नरूका गांव से बाइपास बनाने के लिए भूमि अधिग्रहित की गई। जहां राजस्व रिकॉर्ड के अनुसार 716 भूमि धारक किसानों को अवार्ड जारी कर मुआवजा राशि का वितरण किया गया। तहसीलदार मेघा मीणा ने बताया कि संबंधित काश्तकार को राजस्व रिकॉर्ड में संशोधन करवाने के लिए उस क्षेत्र के पटवारी को निर्देशित किया गया है। कार्यकारी एजेंसी को बाइपास शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए गए हैं।
कार्य प्रगति पर है बाइपास निकालने से आमजन, सरकार तथा विभाग को भी फायदा है। इससे जाम की स्थिति नहीं बनेगी। कार्य प्रगति पर है। बीएल मीणा, सहायक अभियंता, सार्वजनिक निर्माण विभाग, मालाखेड़ा।