इसमें न्यायाधीश माहेश्वरी ने कहा कि वर्तमान में बाल-विवाह समाज में एक गम्भीर बीमारी के रूप में फैल गया है। प्रशासन को सबसे पहले इसकी जड़ (मूल कारण) का पता लगाना होगा। इसके बाद ही इस बीमारी का खात्मा किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि बाल विवाह की रोकथाम के बिना समाज का उचित विकास भी सम्भव नहीं है। द्वापर युग व त्रेता युग में बाल विवाह जैसी कुरीति नहीं थी, लेकिन वर्तमान में बाल विवाह देश में बड़ी समस्या के रूप में विद्यमान हो गई है। उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसी कुरीति को लोगों में कानून का भय पैदा करके समाप्त नहीं किया जा सकता है। ऐसे में इस कुरीति को दूर करने के लिए सभी को मन से प्रयास करने होंगे।
लोगों में सामाजिक चेतना पैदा करके ही इस कुरीति को दूर किया जा सकता है। इस दौरान उन्होंने पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों को बाल विवाह की सूचना देने वालों को अनावश्यक पूछताछ कर प्रताडि़त नहीं करने के भी निर्देश दिए।
जिला एवं सैशन न्यायाधीश अनून सक्सैना ने लोगों को बाल-विवाह के दुष्परिणाम व बाल विवाह निषेध अनिधियम की जानकारी दी। जिला कलक्टर नरेश कुमार शर्मा जिले में बाल विवाह की रोकथाम के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बाल विवाह के सम्बन्ध में मिलने वाली प्रत्येक सूचना पर तत्काल कार्रवाई करने तथा सूचना देने वाली की जानकारी गोपनीय रखने का भरोसा दिलाया।
पुलिस अधीक्षक योगेश यादव ने कहा कि वर्तमान में लोगों में जागरूकता का अभाव है। लोग बाल विवाह की सूचना देने से कतराते हैं। ऐसे में उन्होंने नया व्हाट्स एप नम्बर चालू किया है। जिसके माध्यम से लोग सूचना कर सकेंगे। सूचना देने वाले की पूरी जानकारी गोपनीय रखी जाएगी तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष मुरलीमनोहर शर्मा ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए जन जागृति लाने की अपील की तथा अधिक सूचना प्राप्त करने के लिए प्रोत्साहन देने की मांग की। इससे पहले अतिथियों ने बाल विवाह की रोकथाम अभियान से सम्बन्धित पोस्टर व बैनर का विमोचन किया।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्णकालिक सचिव ने अतिथियों का आभार जताया। इसके बाद न्यायाधीश ने बाल विवाह की रोकथाम के लिए लोगों को जागरूक करने तथा प्राधिकरण के कार्य व जन कल्याणकारी योजनाओं की जानकारी देने के लिए चलाई गई वैन को हरी झण्डी दिखाकर रवाना किया।
इसी प्रकार मेगा विधिक चेतना शिविर में चिह्नित किए गए लाभार्थियों को उचित लाभ व विशेष योग्यजनों को ट्राइसाइकिल भी वितरित की। बैण्ड-बाजे के साथ पहुंची बारात कार्यक्रम के दौरान महेश आर्चाय के नेतृत्व में कला जत्था कलाकारों ने बाल विवाह की रोकथाम के सम्बन्ध में लघु नाटक प्रस्तुत किया। इसमें कार्यक्रम स्थल पर बैण्ड बाजे के साथ नाबालिग दुल्हे की बारात पहुंचाई गई। कला जत्था कलाकारों ने विवाह को रुकवाकर बाल विवाह निषेध कानून की जानकारी दी तथा होने वाली सजा के बारे में बताया।
लघु नाटक में मधुसूदन, रमेशचंद्र, रामजीलाल दूबे, हुकमचंद, शिवशंकर, बाल कलाकार पवन शर्मा ने अभिनय किया। न्यायाधीश ने लघु नाटक की जमकर सराहना भी की।