जंगली जानवरों को भी है खतरा घना जंगल होने के कारण यहां जरख, जंगली सूअर, नीलगाय, सेह, जंगली खरगोश एवं अन्य जंगली जानवर भी बहुतायत में विचरण करते हैं। इस क्षेत्र में फिर से इंसानी हलचल या अवैध खनन शुरु होने पर जंगली जानवरों को भी खतरा बढऩे की आशंका है। पहले पहाड़ में दिनभर होते थे विस्फोटयहां रसूखदारों को पहाड़ का हिस्सा लीज पर दिया गया था, लेकिन रसूखदारों ने यहां कई जगह पहाड़ों को छलनी कर दिया। यहां दिन-रात पहाड़ों पर विस्फोट किए जाते थे। इस रास्ते पर सैकड़ों ट्रैक्टर अवैध खनन के पत्थर भरकर दिन-रात चलते थे। रसूखदार यह सिलसिला फिर से शुरु करने की कोशिश कर रहे हैं।
चुनावी वर्ष में फिर से बढ़ी हलचल चुनावी वर्ष होने के कारण इस क्षेत्र पर खान माफिया की नजर फिर टिक गई और राजनीतिक रसूखदारों के सहयोग से यहां अवैध खनन की नई राह ढूंढ निकाली। जीएसएस निर्माण की स्थिति में यहां सैंकड़ों की संख्या में हरे वृक्ष काटने होंगे। वहीं पेड़ों के कटने से पहाड़ तक पहुंचने की राह आसान हो जाएगी, जिससे अवैध खनन की आशंका रहेगी।
कम से कम पेड़ काटने व दीवार बनाने के निर्देश जीएसएस निर्माण के लिए नगर पालिका प्रशासन को कम से कम से पेड़ काटने और वहां दीवार बनाने के निर्देश दिए हैं। दीवार बनने के बाद वहां अवैध निर्माण की गतिविधियां शुरू नहीं कर सकेगा।
प्रकाश राजपुरोहित, जिला कलक्टर अलवर