ईआरसीपी के जरिए अलवर समेत 13 जिलों को पानी सप्लाई होगी। इसमें खैरथल-तिजारा भी आएगा। प्रदेश की 2.80 लाख हैक्टेयर भूमि की सिंचाई होगी। करीब 25 लाख किसान परिवारों को सिंचाई का पानी मिलेगा। इस पानी का कैसे स्टोर किया जाएगा, इस पर मंथन शुरू हो गया है। सरकार अपने स्तर से व इंजीनियरों की टीम के जरिए ये सभी संभावनाएं तलाश रही है। प्रदेश की 40 फीसदी आबादी को पेयजल आपूर्ति इसके जरिए करने का दावा है।
ऐसे में पानी स्टोर करने के लिए 32 बांध देखे गए हैं। जयपुर का रामगढ़, महलपुर बैराज, नवनेरा बैराज, मेज बैराज, राठौड़ बैराज, डूंगरी बांध आदि शामिल हैं। साथ ही नए बन रहे 26 बांधों को भी इसमें शामिल किए जाने की योजना है। इसी के तहत अलवर का जयसमंद बांध आएगा।
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एक बार बांध भरा तो होगी 6 महीने सप्लाईअलवर शहर की करीब साढ़े चार लाख आबादी को जयसमंद के जरिए ही पानी मिलेगा। इसके अलावा बल्लाना, केसरपुर, दादर, बुर्जा, उमरैण आदि क्षेत्रों के भी हजारों परिवारों को पानी सप्लाई जयसमंद बांध के जरिए ही होगी। इस बांध की भराव क्षमता 17 फीट से ज्यादा है। बताते हैं कि एक बार बांध का भराव होने पर 6 माह पानी की सप्लाई हो सकेगी।