30 नवम्बर से देशभर के टोल प्लाजाओं पर शुरू होने वाले कैशलैस व्यवस्था की कड़ी में फास्टैग शुरू करने का आदेश पारित किया था। वाहन धारकों की फास्टैग के प्रति रूचि कम दिखाने के चलते एनएचएआई ने समय सीमा बढ़ाकर 15 दिसम्बर कर दी। देश के सबसे महंगे टोल प्लाजा शाहजहांपुर पर वाहन निकासी के लिए बनी 25 लाइनों में 23 लाइन फास्टैग वाहन व मात्र दो लाइने कैश के लिए बनाई गई हैं ।
वाहन धारकों द्वारा निर्धारित समय अवधि तक 50 प्रतिशत वाहनों पर ही फास्टैग व्यवस्था अपनाने से एनएचएआई जयपुर मुख्यालय ने नियमों में संसोधन करते हुए 25 लाइनों में दोनों ओर पांच-पांच लाइन कैश की व बीच की दस लाइन फास्टैग व्यवस्था के लिए निर्धारित की है।
हरियाणा-राजस्थान सीमा से जयपुर के बीच तीनों प्लाजा की कैश लाइन बढ़ाई शाहजहांपुर टोल प्लाजा सहप्रबंधक अमोद कुमार ने बताया कि हरियाणा से राजस्थान की सीमा में प्रवेश करने के बाद एनएच 48 का शाहजहांपुर टोल प्लाजा पर एनएचएआई द्वारा 25 लाइनों में कैश के लिए दस लाइन, मनोहरपुरा टोल प्लाजा पर 12 लाइनों में छह लाइन फास्टैग व छह लाइन कैश के लिए निर्धारित कर दी गई। वहीं दौलतपुरा टोल प्लाजा पर 14 लाइनों में आठ फास्टैग व छह कैश की लाइन निर्धारित की हैं।
फास्टैग के लिए नहीं आए आवेदन हाइवे के टोल प्लाजाओं से गुजरते समय एनएचएआई की ओर से निर्धारित राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भारतीय सेना, अद्र्धसैनिक बल, पुलिस, एम्बुलेंश, सांसद, विधायक, एक्जीक्टूटिव मजिस्टे्रट, परमवीरचक्र, अशोक चक्र, महावीर चक्र, कीर्ति चक्र, वीर चक्र, शौर्यवीर चक्र विजेता सहित अन्य अधिकारियों के वाहनों पर टोल शुल्क की छूट निर्धारित है। एनएचएआई द्वारा निर्धारित विभागों एवं अधिकारियों की सूचि में शामिल वाहन धारकों को जीरो फास्टैग जारी किया जाता है। जीरो फास्टैग को लेकर अमोद कुमार का कहना है कि इस प्रकार के आवेदन शाहजहांपुर प्लाजा पर अभी तक नहीं मिले हंै।
ब्लैक लिस्टेड नहीं हुए वाहन निर्धारित फास्टैग लाइनों में घुसे कैश वाले वाहनों को ब्लैक लिस्टेड होने से बचाने के लिए टोल कर्मचारियों ने बचाकर फास्टैग लाइनों से वाहन को हटवाकर कैश वाली लाइनों से ही निकलवाने के प्रयास के चलते किसी भी वाहन का ब्लैक लिस्टेड चार्ज नहीं काटा गया।
एक नजर में जानिए टोल व्यवस्था प्रारूप पिंकसिटी एक्सप्रेसवे के जरनल मैनेजर कर्नल गजेन्द्र शर्मा के अनुसार टोल प्लाजा से प्रतिदिन 40 हजार छोटे बडे वाहन गुजरते हैं। जिनसे 90 लाख से एक करोड़ का राजस्व प्राप्त होता है। देश भर में राष्ट्रीय राजमार्ग के टोल प्लाजाओं पर फास्टैग अनिवार्यता के प्रचार प्रसार के बावजूद रात 12 बजे से पूर्व तक भी करीब 50 प्रतिशत वाहन धारकों की और से फास्टैग व्यवस्था अपना कर निकलते देखा गया। वहीं टोल प्लाजा से होकर नियमित गुजरनें वाले वाहनों में कार दो हजार से ढाई हजार, लाइट कॉमर्शियल वाहन 35 सौ से चार हजार, ट्रक ढाई हजार से तीन हजार, बस एक हजार से डेढ हजार एवं एमएवी वाहन दस हजार से बारह हजार रोजाना गुजरने का आंकड़ा है।
शुल्क अदायगी के मामले में कार का एक तरफ का 135 रुपए व दोनों और आने जानें का 200 रुपए, एलसीवी का एक तरफ का 235 व दोनों और का 350 रुपए, ट्रक व बस का एक तरफ का 470 , आने जाने का 705 रुपए व एमएवी वाहनों का एक तरफ का 755 व दोनों और का 1135 रुपए टोल शुल्क के रूप में वसूला जाता है। ऐसे में 50 प्रतिशत ही वाहन धारकों द्वारा फास्टैग को अपनाये जाने से दो गुना चार्ज दिया जाने के अलावा एक ही लाइन से निकलने की व्यवस्था के चलते लम्बी कतार में समय गुजारने की विवशता रही।