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अलवर

नफरी की कमी और संसाधनों के अभाव से जूझता बानसूर पुलिस थाना

अपराध बढ़े लेकिन नफरी नहीं : 70 गांवों व ढाणियों तक पहुंचने के लिए एक जीप व एक सिगमा वाहन

अलवरSep 17, 2019 / 02:20 am

Pradeep

नफरी की कमी  और संसाधनों के अभाव से जूझता बानसूर पुलिस थाना

नफरी की कमी और संसाधनों के अभाव से जूझता बानसूर पुलिस थाना

अलवर (बानसूर). पहले अलवर एवं वर्तमान में भिवाड़ी के अधीन आने वाला बानसूर पुलिस थाने में अन्य थानों के मुकाबले अपराध अधिक होने के बावजूद थाने में नफरी की समस्या बनी हुई है।
ऐसे में क्षेत्र में कानून व्यवस्था बनाए रखने और अपराधिक वारदातों पर अकुंश लगाने के लिए स्टाफ की कमी से बानसूर थाना पुलिस जूझ रही है। बानसूर पुलिस थाने के अधीन ८० गांव आते है। जो मात्र एक जीप ओर एक सिगमा वाहन के भरोसे है। ऐसे में क्षेत्रवासियों की सुरक्षा एवं अपराधोंं पर अकुंश लगाने के ना के बराबर है । कस्बे में पुलिस थाने में स्टाफ की कमी हमेशा बनी रही है। जिससे दिनों दिन अपराध बढते रहे। नफरी की कमी के चलते अपराधी अपराध करने के बाद आसानी से क्षेत्र से निकलकर दूसरे क्षेत्र मेें प्रवेश कर जाते है। बानसू र थाने के अधीन आने वाले ८० गांवों एवं इतनी ही ढाणियों में पहुंचने के लिए पुलिस के पास संसाधन भी नहीं है। कस्बे की ४० हजार की आबादी के लिए मात्र एक बाइक है। इस बारे में पुलिस अधीक्षक सहित उच्च अधिकारियों को अवगत कराने के बाद भी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
बानसूर पुलिस थाने में वर्तमान समय सब इंस्पेक्टर का एक पद रिक्त हैं। वहीं एएसआई के ३ पद, हेडकांस्टेबल के २ पद सहित कांस्टेबल के १५ पद रिक्त है। बानसूर पुलिस थाने में महिला कांस्टेबल सहित कुल मात्र १८ कांस्टेबल है। जिसमें एक महिला कांस्टेबल अधिकतर समय छु्ट्टी पर रहती है। वहीं दो कांस्टेबल अलवर एवं भिवाड़ी एवं बहरोड़ डाक संबधित कार्यो़ के लिए आते जाते रहते है। एक कांस्टेबल हमेशा न्यायालय संबंधी कार्यो के लिए न्यायालय में रहता है। वहीं अधिकतर समय दो कांस्टेबल छु्ट्टी पर रहते है। थाने के दो कांस्टेबल कम्यूटर कक्ष में कागजी कार्रवाई एवं एक कांस्टेबल हमेशा सूचना तैयार करने में व्यस्त रहता है। ऐसे में पुलिस थाने में हर समय आधा दर्जन से कम ही कांस्टेबल रहते है।

फ्लॉप है मुखबिर योजना
पुलिस की ओर से अपराधों पर अकुंश लगाने के लिए मुखबिर योजना क्षेत्र में फ्लॉप साबित हो रही है। जिससे अपराधी पकड़ में नहीं आ रहें। वहीं स्टाफ की कमी के चलते मुकदमों में पुलिस की ओर से तामील तक नहींं हो पा रही है। ऐसे में आमजन परेशान है। पुलिस थानों पर मुकदमों की बात करें। तो बानसूर पुलिस थाने में औसतन ५० से अधिक मुकदमें हर माह दर्ज होते है।

आएं दिन होते है विवाद
नारायणपुर से हरसौरा स्टेट हाइवे ५२ एवं अलवर से कोटपूतली मार्ग स्टेट हाइवे होने से आए दिन सड़क दुर्घटनाएं घटित होती रहती है। वहीं झगडे ओर जमीनी विवाद बडी संख्या में होते है। वर्चस्व कोलेकर गुटीय संघर्ष होते रहते है। ऐसे में हर समय पुलिस उपलब्ध नहीं हो सकती। क्षेत्र का अंतिम गांव नयाबास पहुंचने के लिए पुलिस को करीब एक घंटे का समय लगता है। ऐसे में दूरी वाली जगहों पर पुलिस हमेशा देरी से पहुंचती है।

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