scriptअलवर न्यूज: 50 लाख से निर्मित बस स्टैंड बदहाल, बन रहा समाजकंटकों का अड्डा | Patrika News
अलवर

अलवर न्यूज: 50 लाख से निर्मित बस स्टैंड बदहाल, बन रहा समाजकंटकों का अड्डा

यात्रियों को हो रही परेशानी, सड़क किनारे खड़े रहकर बसों का करना पड़ रहा इंतजार। रोडवेज बसों के नहीं ठहरने से सवारियों को नहीं मिल रहा इसका लाभ।

अलवरSep 03, 2024 / 11:50 pm

Ramkaran Katariya

अलवर. जिले के खेरली कस्बे में लंबे समय से बस स्टैंड को यात्री तरस रहे हैं। कस्बे में अलवर-जयपुर के लिए अलग-अलग अस्थाई बस स्टैंड बनाए हुए है, जहां बुकिंग दुकानों में चल रही है। लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया बस स्टैंड शराबियों एवं समाजकंटकों का आरामगाह बना हुआ है। इसका आम यात्रियों के लिए कोई उपयोग नहीं हो रहा है। यात्रियों को परेशानी हो रही है। सड़क किनारे खड़े रहकर बसों का इंतजार करना पड़ता है।
पालिका प्रशासन की ओर से पूरा प्रयास करने के बाद भी बस स्टैंड सूना पड़ा हुआ है। लाखों रुपए का भवन धीरे-धीरे जर्जर हो रहा है। फिलहाल जहां कमरों के ताले लटके हुए हैं। खुला मैदान खानाबदोशों का घर बना हुआ है एवं बरामदा एवं यात्रियों को बैठने की पट्टियां शराबियों का पसंदीदा स्थान हो गया है। सैकड़ों से अधिक गांवों से लगता 25000 की आबादी वाले कस्बे में अनाज मंडी, उप जिला अस्पताल, विद्यालय, कन्या महाविद्यालय, मैरिज होम, न्यायालय, तहसील आदि समस्त प्रकार की सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहीं राजमार्ग एनएच 21 आगरा-जयपुर बीकानेर से 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित होने के साथ ही गोवर्धन जयपुर का सर्वाधिक सुगम मार्ग होने के कारण एवं आगरा जयपुर वाया बांदीकुई रेलमार्ग होने से यहां यात्रियों का निरंतर बड़ी संख्या में आवागमन रहता है। यहां से जयपुर अलवर हिंडौन, भुसावर, बयाना, भरतपुर, नदबई, दिल्ली के लिए कई रोडवेज बसों की सुविधाएं है, जिनमें यात्री भार बड़ी संख्या में रहता है। इसके बाद भी कस्बे में स्थायी बस स्टैंड नहीं बन पाया है।
2012 में कराया था निर्माण

सूत्रों के अनुसार पालिका की ओर से 2012 में अपने स्वामित्व की भूमि में लगभग पचास लाख से अधिक की राशि खर्च कर हिंडौन रोड अग्रसेन सर्किल पर बस स्टैंड भवन बनाकर रोडवेज को दिया था, लेकिन निगम के कर्मचारियों की मनमानी, चालक, परिचालक की हठधर्मिता से बस स्टैंड का उपयोग नहीं हो पाया। चालक एवं परिचालक बसों को मनमानी पूर्वक कभी कठूमर रोड स्थित अस्थाई बस स्टैंड पर ले जाते, तो कभी सिनेमा हॉल के चौराहे पर तो, कभी पुलिस थाने के सामने रोड पर दुकानों के आगे खड़ा करते। यहां तक की टिकट बुकिंग कर्मचारी के भी स्थाई रूप से नहीं बैठने के कारण यह नाममात्र का ही रह गया। परिणाम स्वरूप सुनसान रहने के कारण यह नशेड़ी और जुआरियों का अड्डा बन गया।
कई बार कराया अवगत

पालिका की ओर से कई बार रोडवेज के अधिकारियों को अवगत भी कराया गया, लेकिन विभाग के कर्मचारियों की हठधर्मिता के आगे उनकी एक नहीं चली। बस स्टैंड को अधिक समय तक रोडवेज की ओर से काम में नहीं लिए जाने पर पालिका ने इसे वापस ले लिया और इसमें इंदिरा रसोई खोल दी गई। वह भी कुछ समय बाद बंद कर दी गई। सरकार के 50 लाख रुपए खर्च होने के बावजूद सभी सुविधाओं से युक्त भवन एवं खुला दालान समाजकंटकों का अड्डा बना हुआ है।
फैक्ट फाइल

– 50 लाख की लागत से निर्मित बस स्टैंड पर तीन कमरे और बरामदा है।

– खेरली होकर प्रतिदिन अलवर, जयपुर, दिल्ली एवं भरतपुर, बयाना के लिए लगभग दो दर्जन बस आती जाती हैं।
– लगभग प्रतिदिन एक से डेढ़ हजार यात्री यात्रा करते हैं।

– कस्बे की लगभग 25000 से अधिक जनसंख्या है।

– आसपास के गांवों का प्रमुख कस्बा होने के कारण यहां यात्री भार अधिक रहता है। प्रतिदिन अप-डाउन वाले यात्री भी परेशान हैं।
– पहले कोटा-बूंदी से गोवर्धन के लिए भी बस थी, जो अब काफी समय से बंद है।

सात दिन में हो जाएंगे आदेश

इधर मामले में कठूमर विधायक रमेश खींची का कहना है कि बस स्टैंड का प्रकरण मेरे ध्यान में है और मैंने सीएमडी रोडवेज से बात भी की है। जिन्होंने पालिका की ओर से बनवाए भवन में बुकिंग शुरू करने एवं बसे स्टैंड से होकर जाना प्रारम्भ करने के लिए कहा था। कस्बे में स्थाई बस स्टैंड मेरे प्राथमिक कार्यों में है। संभवतः आगामी सात दिवस में आदेश हो जाएंगे। वहीं नगर पालिका खेरली के अध्यक्ष संजय गीजगढ़िया का कहना है कि बस स्टैंड के समुचित उपयोग के लिए कई बार अधिकारियों को कहा गया और बार-बार पत्र लिखे गए, परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई। अंत में विवश होकर भवन को वापस लिया। हमारी प्राथमिकता तो बस स्टैंड की है। यदि बस रुकना प्रारम्भ हो तो पालिका को भवन पुनः देने में कोई आपत्ति नहीं है।

Hindi News / Alwar / अलवर न्यूज: 50 लाख से निर्मित बस स्टैंड बदहाल, बन रहा समाजकंटकों का अड्डा

ट्रेंडिंग वीडियो