फ़िल्मी अंदाज में हुआ था मर्डर विधायक राजू पाल खुद क्वालिस गाड़ी को चला रहे थे। उनके साइड में दोस्त की पत्नी रुखसाना बैठी थीं, जो उन्हें चौफटका के पास मिली थीं। इसी क्वालिस में संदीप यादव और देवीलाल भी सवार थे।
पीछे स्कार्पियो में चालक महेंद्र पटेल और ओमप्रकाश और नीवां के सैफ सहित चार लोग सवार थे। दोनों गाड़ियों में एक-एक गनर मौजूद थे। आसपास के लोग अब भी सरेराह गोलियों की आवाज को याद कर सहम जाते हैं।
बीएसपी एमएलए को गोली मारने की वारदात जंगल में आग की तरह फैल गई। कुछ ही देर में वहां पुलिस अफसर पहुंचे और विधायक राजू पाल को तत्काल अस्पताल ले गए। वहां, उनके शरीर से 5 से अधिक गोलियों को निकाला गया । उनकी क्वालिस में सवार संदीप यादव और देवीलाल ने भी दम तोड़ दिया था।
पोस्टमार्टम के बाद रातोंरात मृत शरीर के अंतिम संस्कार का आरोप लगा। इस मर्डर केस से लोग गुस्साए हुए थे। इसके बाद तो मानो शहर जल उठा। विधायक राजू पाल के मर्डर के बाद कई दिनों तक शहर में हंगामा और आगजनी की वारदातों को अंजाम दिया गया। सरेआम हुए इस भयावह हत्याकांड ने पूरे राज्य को झकझोर कर रख दिया था।
18 साल बाद इकलौते गवाह की गोलीमार कर हत्या
राजू पाल हत्याकांड के 18 साल बाद शुक्रवार को मामले से जुड़े मुख्य और इकलौते गवाह उमेश पाल की भी गोलीबारी में हत्या कर दी गई । गवाह उमेश पाल के आवास में घुस कर हमालावरों ने घटना को अंजाम दिया है। इस गोलीबारी में गवाह उमेश पाल के गनर की भी मौत हो गई है।
वहीं, पुलिस ने माफिया अतीक अहमद के दो बेटों को पुछताछ के लिए उठाया है। पुसिस अज्ञात जगह पर ले जाकर कर पूछताछ कर रही है। मृतक उमेश पाल के परिवार वालों से अभी तक कोई तहरीर नहीं मिली है। छोटे बेटे एहजम और अबान को पुसिस ने उठाया है। अतीक से पूछताछ के लिए पुसिस कल साबरमती जेल भी जाएगी।