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विजन दास असम के दरांग जिले के मंगलदाई थाना क्षेत्र के एचकेबी रोड सांतिपुर के निवासी हैं। विजन दास 6 सितंबर को प्रयागराज पहुंचे थे। दोपहर खुल्दाबाद थाने के बगल स्थित एक होटल में उन्होंने कमरा लिया था। रविवार की सुबह से लेकर दोपहर बाद 3 बजे तक दास का कमरा न खुलने पर पुलिस बुलाएगी और दरवाजा तोड़ा गया तो विजन दास का शव पंखे से लटका हुआ था। कमरे के अंदर शराब की खाली शीशी चिप्स के पैकेट सिगरेट और मोबाइल मिला टेबल पर 5 पेज का अंग्रेजी में लिखा सुसाइड नोट मिला है। इंस्पेक्टर खुल्दाबाद के मुताबिक परिवार की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण आत्महत्या की है। लेलकी घरवालों के आने के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा की दास के सुसाइड का कारण क्या रहा है।
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सुसाइड नोट का अंश
दास ने अपने सुसाइड नोट में लिखा है कि मोदी जी भरोसा करिए मैं कभी आत्महत्या नहीं करना चाहता था। लेकिन मैं लाचार हूं सबको खुश रखना मेरे लिए संभव नहीं हो पा रहा है कि मैंने अपने एक बेटे के साथ अन्याय किया है मैं उससे अच्छा बचपन नहीं दे पाया और घर भी नहीं बना पाया अब मैं अपने देश के लिए किसी काम का हूं ना ही परिवार के लिए मेरा बेटा विवेक अच्छा गायक है। 2010 में वह सारेगामापा के लिटिल चेंप में भी शामिल हुआ लेकिन आर्थिक तंगी के कारण उसे स्टेज पर नहीं ले जा सका। कृपया मेरे बेटे की मदद करिए मुझे पता है कि आपके सामने तमाम चुनौतियां है लेकिन तब भी मैं अपनी लीला समाप्त कर रहा हूं शायद आपसे मेरे बेटे को कोई सहायता मिल जाए ।
आर्थिक मुद्दे पर चिदम्बरम को घेरा
आर्थिक कुप्रबंधन होने पर उसका प्रभाव तत्कालीन नहीं है, बल्कि कुछ साल बाद होता है। ऐसे में मोदी सरकार को भी अकेले आर्थिक मंदी के लिए दोषी ठहराना गलत है ।नोटबंदी और जीएसटी का अस्थाई प्रभाव हो रहा होगा। लेकिन इस वजह से आर्थिक मंदी नहीं आई। कोयला 2जी स्पेक्ट्रम समेत कई घोटालों के जरिए करोड़ों रुपए का गोलमाल हुआ। इसमें किसी को दोषी ठहराया नहीं गया। जबकि सबको पता है कि बड़ा घोटाला हुआ है।पी चिदंबरम ने खुद स्वीकार किया है कि गिरफ्तारी से पहले दो बड़े वकीलों के साथ कोर्ट में पैरवी के लिए तैयारी कर रहे थे। मेरी समझ में या नहीं आता है कि जब वह अब इतने बेदाग और पाक साफ हैं। तो वह नामचीन वकीलों के साथ परामर्श क्यों लेते रहे। इससे साफ है कि वह भी भ्रष्टाचार के भागीदार हैं।वह कितना भागीदार है आज आज का विषय है जब भी पी चिदंबरम को मौका मिलता तो मौजूदा सरकार को दोषी ठहराने से बाज नहीं आते । पूर्व में हुए भ्रष्टाचार के दूरगामी दुष्प्रभाव होंगे ।