जाने कैसे बनता है मिलावटी खोवा मिलावटी खोवा बनाने के लिए मिलावटखोर दूध की बजाए दूध पाउडर, रसायन, आलू, शकरकंद, रिफाइंड तेल आदि प्रयोग करते हैं। सिंथेटिक दूध बनाने के लिए पानी में डिटर्जेट पाउडर, तरल जैल, चिकनाहट लाने के लिए रिफाइंड व मोबिल आयल एवं एसेंट पाउडर डालकर दूध को बनाया जाता है। यूरिया का घोल व उसमें पाउडर व मोबिल डालकर भी सिंथेटिक दूध तैयार किया जाता है। इसमें थोड़ा असली दूध मिलाकर सोख्ता कागज डाला जाता है। इससे नकली खोवा के अलावा पनीर भी तैयार किया जाता है। इसी ट्रिक की वजह से बाजार में यह खोवा खूब बिकता है।
चखकर करें पहचान अगर आप बाजार में खोवा लेने के गए हैं तो सबसे पहले मिलावटी खोवा की पहचान जरूर करलें। इस खोवे की पहचान आयोडीन जांच या फिर चखकर उसके स्वाद और रंग से की जा सकती है। मिलावटी खोवा से बचने के लिए उसे पूरी तरह जांच परख लें। मिलावटी या नकली खोवा का स्वाद व रंग सामान्य से विभिन्न और कुछ खराब होता है।
200 रुपये किलो बिक रहा है खोवा होली त्योहार को लेकर इन दिनों शुद्ध खोआ की कीमत 190 रुपये से लेकर 200 तक है। होली पर उपलब्धता कम और मांग बढऩे के कारण आपूर्ति को तो मिलावटी मावा पूरी कर देता है लेकिन शुद्ध मावे के दाम बढ़ जाते हैं। कुछ दुकानदार मिलावटी व सही मावे को भी एक ही दाम पर बेचते हैं, क्योंकि उन्हें पता है कि मिलावट का पता लगाना आसान नहीं है। इसीलिए खरीदारी करते समय निश्चित रूप से इन बातों का ध्यान जरूर दे।