कैदियों को मिल रहा है निःशुल्क शिक्षा विश्वविद्यालय में डिजिटाइजेशन की प्रक्रिया गति पकड़ रही है। विश्वविद्यालय ने कोविड-19 में अपने परिजनों को खो चुके लोगों के लिए नि:शुल्क प्रवेश की व्यवस्था की है। जिसके अंतर्गत अभी तक 12 शिक्षार्थियों ने विश्वविद्यालय के लोकप्रिय कार्यक्रमों एम ए योग, एमएससी फूड एंड न्यूट्रिशन, एमए इतिहास, पत्रकारिता आदि विषयों में प्रवेश लिया है। विश्वविद्यालय ऐसे शिक्षार्थियों के प्रति पूरी सहानुभूति रखता है तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करता है।
कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय ने समाज की मुख्य धारा से कट चुके जेल बंदियों के लिए भी शिक्षा का बीड़ा उठाया है। इसके लिए उत्तर प्रदेश की सभी जेलों में विश्वविद्यालय ने प्रवेश अभियान शुरू किया है। कोविड-19 प्रोटोकॉल के अंतर्गत जेल में ही परीक्षा का आयोजन भी किया जा रहा है।
प्रो. सीमा सिंह ने बताया कि कोरोना काल में दूरस्थ शिक्षा की उपयोगिता काफी बढ़ गई है। इसके लिए विश्वविद्यालय ने ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा देने के लिए देश के प्रमुख संस्थानों के साथ एमओयू किया है। जिसमें प्रोफेसर राजेंद्र सिंह रज्जू भैया विश्वविद्यालय प्रयागराज, पंडित सुंदरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय, हल्द्वानी, आईसीएएफ,आई बिजनेस स्कूल हैदराबाद आदि प्रमुख हैं। विश्वविद्यालय ने अंगीकृत गांव की महिलाओं को शिक्षित करने का बीड़ा उठाया है। इसके लिए प्रवेश शुल्क में 50% शुल्क माफ किया है। विश्वविद्यालय का महिला अध्ययन केंद्र गांव में जाकर महिलाओं को न केवल जागरूक कर रहा है बल्कि उनके अधिकारों के प्रति भी उनके अंदर आत्म बल का संचार किया जा रहा है।
प्रो. सीमा सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय ने शोध कार्य को प्रारंभ करके लोगों के अंदर नई आशा का संचार किया है। शोध कार्य के क्षेत्र में विश्वविद्यालय शीघ्र ही नई ऊंचाइयां स्थापित करेगा। कोविड-19 में स्वास्थ्य सेवाओं पर भी विशेष ध्यान दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय में स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की गई है तथा विशेष शिविर लगाकर स्वास्थ्य का परीक्षण कराया जा रहा है। विश्वविद्यालय ने पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए आरोग्य वाटिका प्रारंभ की है। जिसमें अति दुर्लभ औषधीय पौधों का संग्रह किया गया है।