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एफआईआर दर्ज करने के बाद दो माह के कूलिंग-ऑफ पीयरेड के दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट

मामले में कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले को परिवार कल्याण समिति (एफडब्ल्यूसी) के पास भेजा जाए। यह ध्यान दिया जा सकता है कि धारा 498-ए एक महिला के पति या उसके रिश्तेदारों को दंडित करने का प्रावधान करती है यदि वे उसके साथ क्रूरता करते हैं। मामले में जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की पीठ ने सुरक्षा उपाय जारी करते हुए कहा कि अगर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए का बिना सोचे-समझे बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होता रहा तो हमारी सदियों पुरानी विवाह संस्था की पारंपरिक सुगंध पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी।

प्रयागराजJun 15, 2022 / 05:30 pm

Sumit Yadav

एफआईआर दर्ज करने के बाद दो माह के कूलिंग-ऑफ पीयरेड के दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट

एफआईआर दर्ज करने के बाद दो माह के कूलिंग-ऑफ पीयरेड के दौरान कोई गिरफ्तारी नहीं : इलाहाबाद हाईकोर्ट

प्रयागराज: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 498 ए के दुरुपयोग को रोकने के लिए कुछ दिशानिर्देश देते हुए सुरक्षा उपाय जारी किए। मामले में सुनवाई करते हुए न्यायालय द्वारा जारी दिशा-निर्देशों में से एक में कहा गया है कि 498 ए आईपीसी के तहत एफआईआर दर्ज होने के बाद दो महीने के कूलिंग ऑफ पीयरेड के दौरान आरोपी के खिलाफ कोई गिरफ्तारी या दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए। मामले में कोर्ट ने आदेश दिया कि मामले को परिवार कल्याण समिति (एफडब्ल्यूसी) के पास भेजा जाए। यह ध्यान दिया जा सकता है कि धारा 498-ए एक महिला के पति या उसके रिश्तेदारों को दंडित करने का प्रावधान करती है यदि वे उसके साथ क्रूरता करते हैं।
मामले में जस्टिस राहुल चतुर्वेदी की पीठ ने सुरक्षा उपाय जारी करते हुए कहा कि अगर भारतीय दंड संहिता की धारा 498-ए का बिना सोचे-समझे बड़े पैमाने पर दुरुपयोग होता रहा तो हमारी सदियों पुरानी विवाह संस्था की पारंपरिक सुगंध पूरी तरह से समाप्त हो जाएगी। संक्षेप में मामला न्यायालय तीन व्यक्तियों (शिकायतकर्ता के ससुराल वालों) द्वारा दायर पुनरीक्षण याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा था, जिसमें सत्र अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आईपीसी की धारा 498 ए सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं सहित उनके खिलाफ दर्ज अपराध के संबंध में उनके निर्वहन आवेदनों को खारिज कर दिया गया था।
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एफआईआर पत्नी ने अपने पति और ससुराल वालों के खिलाफ दर्ज कराई थी, जिसमें उसने अन्य बातों के साथ-साथ आरोप लगाया था कि उसका ससुर उससे यौन संबंध बनाना चाहता था और इतना ही नहीं, बल्कि उसके देवर भी उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित करने का भी प्रयास किया। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसका पति उसका मोबाइल फोन छीनकर उसे बाथरूम में बंद कर देता था और उसकी सास और भाभी ने गर्भपात के लिए दबाव डाला। उनके मना करने पर परिवार के सभी सदस्य उसके साथ मारपीट करने लगे।

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