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दरअसल में नैनी सेंट्रल जेल देश की हाई सिक्योरिटी जिलों में से एक है।लेकिन नैनी में लगातार कैदियों की बढ़ती संख्या की जेल प्रशासन के लिए मुसीबत बन गई है।जेल प्रशासन की मानें तो वर्तमान में जेल में क्षमता से दोगुने से ज्यादा बंदी बंद है। इस समय नैनी जेल में 4200 कैदी है। लेकिन निगरानी में लगी जेल वार्डरों की संख्या बेहद कम है।दर्जन भर से अधिक वार्डर टावर मुख्य गेट और मिलाई व्यवस्था को दुरुस्त करने में लगे होते हैं।जिससे जेल के अंदर की व्यवस्था बनाने में मुश्किल होती है। रविवार को जम्मू कश्मीर से 20 कैदियों को नैनी जेल में शिफ्ट किया गया। इसके बाद यमुनापार की अगुवाई में जेल के अधिकारियों के साथ लंबी बैठक चली जिसमें बड़ा निर्णय लिया गया।
जम्मू कश्मीर से आये कैदियों को स्पेशल सेल में रखा गया है। उनकी निगरानी सुरक्षा कर्मियों सहित सीसीटीवी कैमरे से भी की जा रही है।जम्मू कश्मीर से आये कैदियों में आतंक के आरोपी सहित अलगाव वादी नेता भी शामिल है साथ ही पत्थरबाज़ भी शामिल है।हालाकि एसपी यमुनापार ने कैदियों के बारे में कुछ नही कहा और बताया कि 58 पुलिसकर्मियों को रविवार से ही जेल प्रशासन को सौंप दिया गया है। जेल के वार्डर की जब तक कमी पूरी नहीं हो जाती यह पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मी जेल की बाहरी दीवार से लगे हुए टावर, नेहरू ,गेट जेल के मुख्य गेट पर तैनात होंगे। मुलाकातियों सहित जेल के अंदर आने जाने वालों की तलाशी लेंगे।इसके लिए जेल के बाहर बैरिकेडिंग की जाएगी जेल प्रशासन के अनुसार 58 पुलिसकर्मियों के मिलने से दर्जनभर से ज्यादा वार्डन खाली हो गए हैं। जिनके जरिए अंदर की व्यवस्था बनवाई जाएगी।