ट्विट कर दी है जानकारी दरअसल मिल रही जानकारी के अनुसार 9 जनवरी को राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने इस अनाथालय का दौरा किया था। अपने इस दौरे के बाद कानूनगो ने ट्वीट कर स्वराज भवन स्थित चिल्ड्रन नेशनल इंस्टिट्यूट के निरीक्षण की बात बताई थी। जिसमें किशोर न्याय अधिनियम 2015 तथा नियम 2016 का गंभीर उल्लंघन संचालन में लापरवाही व अनियमितता का मामला संज्ञान में आया है ।ट्वीट में कानूनगो ने चार तस्वीरें भी लगाई है। जिनमें स्पष्ट हो रहा है कि अनाथालय के बाथरूम में दरवाजे तक नहीं है जबकि यहां पर 17 साल तक की 29 लड़कियां रहती हैं।
बाथरूम में दरवाजो तक नही
ट्विट के अनुसार आयोग में 15 जनवरी को प्रयागराज के जिला मजिस्ट्रेट को अनाथालय के बाथरूम में तत्काल दरवाजा लगवाने का निर्देश दिया था। इसके साथ ही कहा कि जब तक बाथरूम में दरवाजे नहीं लग जाते हैं तब तक बच्चियों को यहां से दूसरे स्थान पर रहने का बंदोबस्त किया जाए। इसके साथ ही आयोग में जिला मजिस्ट्रेट को इन बच्चियों को जिला बाल समिति के सामने पेश करने के निर्देश के अनुपालन की रिपोर्ट मांगी है। दरअसल अनाथालय में बड़े पैमाने की अनियमितताओं के आरोप पर सुनवाई करते हुए 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने देश के सभी छह हजार ना थानों के आगे का निर्देश दिया था।
डीएम का फोन नही उठा पत्रिका ने इस बाबत जिला अधिकारी भानू चंद्र गोस्वामी से फोन पर बात करने की कोशिश की लेकिन उनका फोन नही उठा।वही राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने फोन पर बात करते हुए कहा है गुरूवार की सुबह मामले में अपडेट दे सकते है।