ट्रिपलआईटी की स्थापना का श्रेय डॉ मुरली मनोहर जोशी को जाता है डॉ जोशी के सांसद रहते हुए अटल बिहारी वाजपेई की सरकार के दौरान 1999 मिशन खोलने का निर्णय लिया गया था। उनके योगदान को चिरस्थाई बनाने के लिए संस्थान ने निर्माणाधीन मुक्तांगन को उनके नाम पर करने जा रही है।
ट्रिपल आईटी के निदेशक प्रोफेसर पी नागभूषण ने जानकारी देते हुए बताया है कि डॉ मुरली मनोहर जोशी समेत तीन अन्य संस्थापकों के प्रति संस्थान कृतज्ञता व्यक्त करने के लिए यह निर्णय लिया है। जिसमें 12 अक्टूबर को भव्य समारोह आयोजित होना है। इस कार्यक्रम में डॉ जोशी शामिल होंगे। ट्रिपल आईटी स्थापित करने के लिए बनी कमेटी के अध्यक्ष रहे कर्नाटक के प्रोफेसर राम गौड़ा के नाम से संस्थान परिसर का रिंग रोड होगा ।जबकि दोनों मुख्य द्वार का नामकरण ट्रिपल आईटी बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के पहले अध्यक्ष रहे प्रख्यात वैज्ञानिक प्रोफेसर एमजी के मैनन और ट्रिपल आईटी कमेटी के अध्यक्ष रहे प्रोफेसर एके वर्मा के नाम से किया जाएगा।
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संस्थान के भवन मार्ग के नामकरण का यह पहला चरण है आगे दूसरे चरणों में संस्थान को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाने वालों के नाम पर नामकरण होगा प्रोफेसर नागभूषण के अनुसार संस्थान में इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजिक्स टीचर का वार्षिक सम्मेलन होगा जिसमें भौतिक विज्ञान के शिक्षक रहे पूर्व मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ मुरली मनोहर जोशी व्याख्यान देंगे।
बता दें कि डॉ मुरली मनोहर जोशी इलाहाबाद विश्वविद्यालय के शिक्षक रहे यहीं से उन्होंने राजनीति शुरू की और राजनीति के शिखर तक पहुंचे। हालांकि बीते दिन उन्होंने शहर के जॉर्ज टाउन में स्थित अपने आवाज को बेंच दिया और दिल्ली चले गए। 12 अक्टूबर को आयोजित होने वाला कार्यक्रम पहला समारोह होगा जब डॉक्टर जोशी अपने घरेलू रिश्ते को तोड़ने के बाद किसी सार्वजनिक बड़े कार्यक्रम में शामिल होंगे।