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यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ की सरकार आने के बाद विजय किरन आनंद को सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी गयी। प्रयागराज कुंभ मेला कराने के लिए विजय किरन आनंद को मेलाधिकारी बनाया गया। इस समय कहा गया था कि जिस अधिकारी के कार्यकाल में राजघाट पुल पर भगदड़ हुई थी उसी अधिकारी को इतनी बड़ी जिम्मेदारी क्यों दी गयी। विजय किरन आनंद ने इन बातों को नजरअंदाज किया और मेला कराने की तैयारी में जुट गये। विजय किरन आनंद व उनकी टीम को पहली सफलता जब मिली जब मकर संक्राति पर दो करोड़ लोगों ने आराम से संगम में डुबकी लगायी थी। इसके बाद मौनी अमावस्या पर तीन दिन में पांच करोड़ से अधिक व बसंत पंचमी पर डेढ़ करोड़ लोगों ने संगम में स्नान किया। तीनों शाही स्नान की व्यवस्था इतनी अच्छी बनायी गयी थी कि भगदड़ नहीं हो पायी। अभी कुंभ मेले में माघ पूर्णिमा व महाशिवरात्रि का स्नान बचा हुआ है जिसमे अधिक भीड़ होने की संभावना नहीं है। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने करोड़ों की भीड़ को संभाल कर अपना पुराना दाग धो दिया है।
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मेलाधिकारी विजय किरन आनंद ने कुंभ को लेकर खास प्लानिंग की थी। कुंभ के आठ किलोमीटर दायरे में 40 घाट बनाये गये हैं। रोडवेज बस व रेलवे की स्पेशल ट्रेन चला कर यात्रियों को उनके गंतव्य तक भेजने की व्यवस्था की गयी है। शहर में लाखों वाहन की पार्किंग के लिए कई पार्किंग स्थल बनाये गये हैं। इसके अतिरिक्त संगम तट तक जाने के लिए अलग-अलग रास्ते, 21 पीपा का पुला आदि बनाने से एक जगह भीड़ जुट नहीं पा रही है। संगम पर तैनात पुलिसकर्मी लोगों को अधिक देर तक नहाने नहीं देती है जिसके चलते लोगों की कम भीड़ लगती है। मेलाधिकारी विजय किरन आनंद की अभी तक की प्लानिंग कामयाब साबित हुई है और कुंभ मेला करा कर खुद को साबित किया।
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