ये भी पढ़ें- हाथरस मामलाः हाईकोर्ट में सुनवाई के लिए परिवार ने रात में जाने से किया इंकार यह था मामला- याची रोहित राठौर ने कानपुर में मुख्तार अली की बेटी शिखा (धर्म परिवर्तन से पहले नाम था शीबा) से हिंदू संस्कार के अनुसार 3 जुलाई को कानपुर नगर के रावतपुर गांव में आर्य समाज मंदिर में शादी की थी। उसी दिन शिखा ने हिंदू धर्म स्वीकार किया था। शादी का पंजीकरण भी कराया था। लेकिन शिखा के पिता मुख्तार अली को नागवार गुजरा और उन्होंने बिल्हौर थाने में अपहरण का केस दर्ज कराया है। दोनों बालिग हैं, इसके बावजूद पुलिस ने शिखा को पकड़कर पिता मुख्तार अली को सौंप दिया, जहा उसे बंधक बना लिया गया है। रोहित को पत्नी के जान से मारे जाने का खतरा है। और उसने पत्नी की ऑनर किलिंग की आशंका जताई है।
ये भी पढ़ें- हाथरस मामले में हुई सीबीआई की एंट्री, करेगी जांच, सीएम योगी ने की थी सिफारिश कोर्ट ने शिखा को सुरक्षा देने के दिए निर्देश- इस पर कोर्ट में न्यायमूर्ति जे जे मुनीर ने शिखा व अन्य की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका पर दिया फैसला सुुनाते हुए कानपुर नगर के एसएसपी को निर्देश दिया है कि वार्ड 22 लाल बहादुर शास्त्री नगर, कानपुर में इमरान हसन व मुख्तार अली की कैद से तत्काल शिखा को छुड़ाएं और 12 अक्तूबर को दिन में दो बजे अदालत में पेश करे। कोर्ट ने याची को सुरक्षा देने और कोविड नियमों का पालन करते हुए कार्य करने का निर्देश दिया है।