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अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता, इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं का प्रतिनिधिमंडल लखनऊ पहुंचे मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक से मिलकर इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ के बहाली का मुद्दा उठाया। विश्वविद्यालय के छात्र नेता व प्रांत कार्यसमिति के सदस्य सनत कुमार मिश्रा ने कहा कि विश्वविद्यालय के कुलपति द्वारा छात्रों का निष्कासन व निलंबन आए दिन बिना किसी कारण बताओ नोटिस किया जा रहा है।कुलपति छात्रों से वार्ता करने को तैयार नहीं होते हैं ।वहीं मानव संसाधन विकास मंत्री के सामने काशी प्रांत मंत्री अश्वनी कुमार मौर्य ने कहा कि जब विश्वविद्यालय में कर्मचारी संघ शिक्षकों के लिए शिक्षक संघ है, तो छात्रों के छात्र संघ को बंद क्यों किया जा रहा है।अश्वनी मौर्या ने मानव संसाधन विकास मंत्री से कहा कि विश्वविद्यालय ने कई प्रधानमंत्री दिए हैं। देश को कई राजनेता इसी छात्र संघ से मिले हैं, राजनीत की पहली पाठशाला किसी भी विश्वविद्यालय के छात्र संघ से शुरू होती है। उसे बंद ना करने दिया जाए।
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छात्र परिषद का हुआ है गठनदरअसल विश्वविद्यालय के छात्र संघ चुनाव को समाप्त कर विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यपरिषद ने छात्र परिषद के गठन पर मोहर लगाई है। विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि छात्र परिषद लिंगदोह की सिफारिशों के अनुरूप होगी।विश्वविद्यालय में पठन.पाठन के माहौल को सुचारू रूप से व्यवस्थित करने के लिए छात्र संघ चुनाव के स्वरूप को बदला गया है। हालाकि छात्र नेता इससे अलग राय रखते हैं, उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी मनमानी करने के लिए छात्र नेताओं की आवाज दबाने के लिए छात्र संघ को बन कर रहा है।
तैतीस दिनों से चल रहा है धरना
बता दें कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय की निवर्तमान उपाध्यक्ष और एनएसयूआई के कार्यकर्ता अखिलेश यादव की अगुवाई में बीते 33 दिनों से छात्रसंघ भवन पर छात्र संघर्ष मोर्चा के बैनर तले छात्रसंघ बहाली की मांग को लेकर आंदोलन चल रहा है। दो दिन पूर्व विश्वविद्यालय में हुए दीक्षांत समारोह के दौरान भी छात्र नेताओं ने विश्वविद्यालय प्रशासन का विरोध किया साथ ही छात्रसंघ बहाली की मांग उठाई थी इसके पहले कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने संसद में इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र संघ को बहाल करने के मुद्दे को उठाया था। प्रतिनिधि मंडल में वर्तमान महामंत्री शिवम सिंह छात्रनेता अतेन्द्र सिंह भी शामिल रहे ।