ये भी पढ़ें- मेडिकल रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने से पहले गर्भवती महिला हुई अस्पताल से फरार, मचा हड़कंप याचीगण के अधिवक्ता का कहना है कि 6 जनवरी 2019 को 69000 सहायक अध्यापक की लिखित परीक्षा आयोजित की गई थी। इसकी पहली उत्तर कुंजी 8 जनवरी को जारी की गई। इसके मुताबिक याचीगण को क्वालीफाइंग 90 अंक नहीं मिल रहे थे। मगर जब 8 मई 2020 को अंतिम उत्तर कुंजी जारी की गई, तो इसमें पता चला कि पाठ्यक्रम के बाहर से पूछे गए तीन प्रश्नों की एक सीरीज के प्रश्न संख्या तीन, चार और छह के लिए सभी अन्य अभ्यार्थियों को बराबर अंक दिए गए हैं।
ये भी पढ़ें- महिला चिकित्सा के वायरल वीडियो पर अखिलेश का तंज, कहा- सरकार को खुश करने को बो रहे नफरत का बीच वह भी तब जब प्रश्नों के लिए दिए गए सभी तीन ऑपशन्स को चुन लिया गया। वहीं याचीगण को इन तीन प्रश्नों के समान अंक नहीं दिए गए, जिसकी वजह से वे क्वालीफाई नहीं कर सके। यदि उनको इन तीन प्रश्नों के अंक अन्य अभ्यर्थियों की तरह दे दिए जाएं तो वह भी क्वालीफाई कर जाएंगे। कोर्ट ने इस मुद्दे को विचारणीय मानते हुए जानकारी तलब की है। याचिका की अगली सुनवाई नौ जून को होगी।