मामले में याची की ओर से तर्क दिया गया वर्ष 2019 में मदरसे में प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्त किया गया था। उसने नियुक्ति से पहले गोंडा के दारुल उलूम अहले सुन्नत मदरसे में सहायक अध्यापक के रूप में पांच वर्ष अध्यापन कार्य किया था। जिसके अनुभव के आधार पर उसे प्रधानाचार्य के पद पर नियुक्ति दी गई थी।
प्रयागराज•Jun 09, 2022 / 03:06 pm•
Sumit Yadav
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- सरकारी अधिकारियों को अवैध आदेश पारित करने के लिए मजबूर करना खेदजनक स्थिति
Hindi News/ Prayagraj / इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा- सरकारी अधिकारियों को अवैध आदेश पारित करने के लिए मजबूर करना खेदजनक स्थिति