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इसमें वही एजेंसी आवेदन करने आ सकती हैं जिनके मामलों में टैक्स को लेकर किसी तरह का विवाद है। केंद्रीय उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी )ने जिले के एक्साइज सर्विस टैक्स से संबंधित 793 डिफाल्टर घोषित किया है।इन एजंसियों पर 292.94 करोंड़ का टैक्स बकाया है। एजेंसी संचालकों से टैक्स वसूली ना हो पाने के कारण एजेंसियों के किराए के कार्यालय में होने से इनका सही पता नही लग सकने अथवा कर संबंधी विवाद था ।सरकार ऐसे प्रकरणों को खत्म करना चाहती है इसलिए समाधान योजना शुरू की है।
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जीएसटी सलाहकार बोर्ड के सदस्य के अनुसार इस योजना में ऐसे करदाता जिन पर धनराशि 50 हजार अथवा इससे कम है उन्हें 70 फ़ीसद छूट मिलेगी। 30 फीसद रकम जमा करने पर ब्याज दंड और अर्थदंड माफ हो जाएगा ।जबकि 50 लाख से ज्यादा के बकाए पर 50 फीसद छूट मिलेगी। आवेदन के 60 दिन के अंदर विवाद निस्तारण किया जाएगा। ऐसी योजनाओं का लाभ ऐसे करदाताओं को मिलेगा जिन्होंने धोखाधड़ी करके रिफंड प्राप्त किया है। अभियोजन सफल हो गया है अथवा निस्तारण आयोग में वाद लंबित है। यह योजना 1 सितंबर से शुरू हुई है जो 31 दिसंबर तक लागू रहेगी ।जो भी डिफाल्टर है उन्हें ऑनलाइन आवेदन करना है परेशानी होने की दिशा में हेल्प डेस्क बना दी गई है। जिससे मदद ली जा सकती है।