‘युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम के बारे में जागरूक करना हमारा कर्तव्य’
अलीगढ़ में उन्होंने कहा, “युवाओं को स्वतंत्रता संग्राम के वास्तविक नायकों के बारे में जागरूक करना हमारा कर्तव्य है। यह सुखद है कि हाल के दिनों में हम पूरे देश में अपने गुमनाम नायकों या सुप्रसिद्ध नायकों का जोरदार जश्न मना रहे हैं। असंख्य स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान ने इस पीढ़ी को प्रेरित किया।”
भीमराव अंबेडकर और चौधरी चरण सिंह को उपराष्ट्रपति ने किया याद
इसके साथ ही, धनखड़ ने कहा, “सभ्यताएं और संस्थाएं अपने नायकों से जीवित रहती हैं। राजा महेंद्र प्रताप सिंह स्वतंत्रता संग्राम के एक नायक थे, जिन्हें हमारे स्वतंत्रता आंदोलन के इतिहास में जगह दी जानी चाहिए थी। 1915 में सिंह ने काबुल में भारत की पहली अस्थायी सरकार की स्थापना की थी, जो स्वतंत्रता उद्घोष करने का एक बहुत बढिय़ा विचार था।” संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर और पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को याद करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमें अपने नायकों को पहचानने में इतना समय क्यों लगा? डॉ अंबेडकर को ‘भारत रत्न’ से देर से दिया गया।