scriptUP By Election 2024: खैर विधानसभा में भाजपा का दबदबा, सपा-बसपा के लिए कठिन मुकाबला | UP By Election 2024 BJP dominance in Khair Vidhan Sabha Seat contest for SP BSP | Patrika News
अलीगढ़

UP By Election 2024: खैर विधानसभा में भाजपा का दबदबा, सपा-बसपा के लिए कठिन मुकाबला

UP By Election 2024: उत्तर प्रदेश की खैर विधानसभा सीट पर बीजेपी की स्थिति मजबूत मानी जा रही है, जबकि बसपा और सपा के लिए यह सीट एक चुनौती साबित हो सकती है।

अलीगढ़Nov 01, 2024 / 09:21 am

Sanjana Singh

UP By Election 2024

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UP By Election 2024: उत्तर प्रदेश की खैर विधानसभा सीट पर होने वाला उपचुनाव इस समय विपक्षी पार्टियों के लिए मुख्य अखाड़ा बना हुआ है। वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा यहां दूसरे नंबर पर थी। इसलिए बसपा चाहेगी कि वह इस सीट पर बेहतर प्रदर्शन करते हुए जीत दर्ज करे।

सपा ने अब तक एक भी जीत नहीं दर्ज की

वहीं समाजवादी पार्टी इस सीट पर एक बार भी अब तक जीत दर्ज नहीं कर पाई है। इसलिए बसपा और सपा दोनों पार्टियों की प्रतिष्ठा यहां दांव पर लगी हुई है। खैर विधानसभा सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डालें तो बसपा इस सीट पर वर्ष 2002 के चुनाव में ही जीत दर्ज कर पाई है। भाजपा तीन बार वर्ष 1991, 1996 और 2017 में चुनाव जीत चुकी है। कांग्रेस भी वर्ष 1974 और 1980 में चुनाव जीत चुकी है। रालोद वर्ष 2007 और 2012 में लगातार दो बार जीत दर्ज कर चुकी है, लेकिन समाजवादी पार्टी का खाता भी नहीं खुला है।
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चारू केन को उम्मीदवार बनाना चाहती थी बसपा

बसपा चारू केन को उम्मीदवार बनाना चाहती थी। चारु वर्ष 2022 में बसपा के टिकट पर लड़ी थीं और दूसरे नंबर पर थीं। उन्हें 65302 वोट मिले थे। बसपा इस बार भी उन्हें लड़ाना चाहती थी, लेकिन ऐन वक्त पर उन्होंने कांग्रेस का दामन थाम लिया। इसलिए बसपा ने जाटव बिरादरी के डा. पहल सिंह को उम्मीदवार बनाया है। कांग्रेस के चुनाव न लड़ने पर समाजवादी पार्टी ने यहां से चारु केन को उम्मीदवार बनाया है।
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क्या कहते हैं जातीय समीकरण?

जातीय समीकरण को देखा जाए तो खैर विधानसभा सीट पर कुल 404000 मतदाता हैं। इनमें से 216000 पुरुष और 188000 महिला मतदाता हैं। जातीय समीकरण के बारे में बताया जाता है कि यहां सवा लाख जाट, 90 हजार ब्राह्मण, 50 हजार दलित, 40 हजार मुस्लिम और 25 हजार वैश्य के साथ अन्य मतदाता हैं। वर्ष 2022 के चुनाव परिणाम को देखा जाए तो बसपा को 65302 वोट मिले थे और सपा के सहयोगी दल रहे रालोद को 41644 वोट मिले थे।

इससे साफ है कि दलित और मुस्लिम वोटों में बंटवारा हुआ था। खैर सीट इस बार सपा-कांग्रेस साथ लड़ रही है। उसका मुकाबला बसपा और भाजपा से होगा। वर्ष 2022 के चुनाव परिणाम को देखा जाए तो कांग्रेस उम्मीदवार को सिर्फ 1514 मत मिले थे। समाजवादी पार्टी को कांग्रेस के साथ का यहां कितना फायदा मिलता है और बसपा अपने रणनीति में कितना सफल होती है यह देखने वाला होगा।

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