दरअसल, यहां पर आबकारी से अधिकृत ठेकेदार सत्तू सिंह ने सुरेंद्र सिंह रावत से दुकान किराए पर ली थी। कुछ ग्रामीणों ने इसका विरोध किया। उनका कहना थाकि ठेकेदार हमारी ही दुकानों में अपनी दुकान लगाए, अन्यथा उन्हें इसके ऐवज में कुछ राशि दी जाए। इसी बात को लेकर विवाद बढ़ गया।