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पौष की सर्दी ने सुबह से ही कंपकंपाए रखा। नलों में पानी भी बर्फीला (cold water) महसूस हुआ। लोग गर्म कपड़ों में लिपटे (warm clothes) रहे। सूरज निकलने के बाद भी ठंडक (coldness) कायम रही। दोपहर तक धूप में तीखापन बढ़ गया। मगर गलन ने चैन नहीं लेने दिया। शाम तक कमोबेश लोग कभी धूप तो कभी छांव में बैठे रहे। रात के तापमान में 5 से 9 डिग्री की गिरावट बनी हुई है। अधिकतम तापमान 19.0 डिग्री रहा। यह भी पढ़ें
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बदल रहा अजमेर का मौसमजैव विविधता और हरियाली (green belt) में कमी, प्रदूषण (pollution) के चलते अजमेर का मौसम लगातार बदल रहा है। शहर पर कड़ाके की ठंड और तेज गर्मी का असर दिखता है। साल 2017 में 13 जनवरी के न्यूनतम तापमान सभी रिकॉर्ड (record) तोड़ता हुआ 3.0 डिग्री पर पहुंच गया था। इसी तरह 19 मई 2016 को गर्मियों में अधिकतम तापमान पचास साल का रिकॉर्ड तोडकऱ 46.2 डिग्री पर पहुंच गया था।
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पड़ेगी कड़ाके की ठंडमौसम विभाग के अनुसार हिमालयी (himalaya) इलाकों में बर्फबारी के चलते जिले में कड़ाके की ठंडक बढऩे के आसार हैं। पश्चिमी विक्षोभ (western disturbance) बनने पर प्रदेश में जनवरी-फरवरी में मावठ भी हो सकती हैष इस दौरान पारे (temprature) के ग्राफ में तब्दीली होगी। तेज ठंडक से कहीं-कहीं पाला पडऩे के साथ-साथ कोहरा बढ़ सकता है।