कुलपति ने लिखा कि राज्यपाल को भाजपा की राजनीति में घसीटने की कोशिश हो रही है। विद्यापरिषद के निर्णयों पर केवल प्रबंध बोर्ड पुनर्विचार कर सकता है। विश्वविद्यालय के एक्ट के तहत राज्यपाल को यह अधिकार प्राप्त नहीं है।
कुलपति ने लिखा कि भारत ने दुनिया को हजारों साल योग से परिचय कराया है। दुर्भाग्य से कुछ लोग योग को एक पार्टी विशेष की देन मानते हैं। विश्वविद्यालय में योग विभाग को बंद करने कोई योजना या प्रस्ताव नहीं बनाया गया। प्रशासन योग का शिक्षण-प्रशिक्षण संचालित करने के लिए प्रतिबद्ध है। लेकिन वह अपने शिक्षकों, प्रशिक्षकों और साधनों के आधार पर इसका संचालन करेगा। चार साल पहले समाप्त हो चुके एमओयू के अंतर्गत आए प्रशिक्षकों के भरोसे विभाग नहीं चलाया जाएगा।