रामभरत ने चिकित्सकों से साफ कहा कि ‘साहब वह हॉटस्पॉट शहर राजकोट (गुजरात) से आया है। उसे मरीजों की कतार में खड़ा करने की बजाय अलग से उसकी स्क्रीनिंग कर लो। राजकोट में कोरोना का प्रभाव है। इसके चलते उसे आशंका है कि कहीं वह भी पॉजिटिव तो नहीं है। अस्पताल में उसे लाइन में खड़ा किया तो दूसरे में संक्रमण फैलने का खतरा है।’ इसके बावजूद इस श्रमिक की सुनवाई नहीं हुई। वह गिड़गिड़ाता रहा। चिल्लाता रहा दूसरों लोगों की जान बचाने की गुहार लगाता रहा।
रामभरत ने निभाई जिम्मेदारी… अस्पताल में अपनी स्क्रीनिंग कराने आए रामभरत ने जागरूकता का परिचय दिया है। पहली बात तो वह आगे होकर कोरोना जांच के लिए चिकित्सालय पहुंच गया। दूसरी बात उसने रोजकोट जैसे हॉटस्पॉट से आने की बात कहकर अपना कत्र्तव्य निभाया,ताकि कोई दूसरा संक्रमित न हो जाए।
दूसरी ओर अस्पताल में उसकी दलीलों की अनदेखी की गई। इसके चलते रामभरत की पांच घंटे बाद स्क्रीनिंग हो पाई। इस दौरान वह खांसता और छींकता भी रहा। यदि रामभरत की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई तो अस्पताल प्रशासन को जवाब देना भारी पड़ जाएगा।
रोगी पर्ची देकर कहा-लाइन में खड़े हो जाओ रामभरत गुरुवार तडक़े 5 बजे 4 अन्य साथियों के साथ एक किराए के वाहन से राजाखेड़ा पहुंचा था। शेष चार लोग उत्तरप्रदेश चले गए। रामभरत गांव जाने की जगह सीधे पहले शहीद राघवेंद्र सिंह सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा, लेकिन किसी भी तैनातकर्मी ने उसकी स्क्रीनिंग नहीं की। ना कोई चिकित्सक बुलाया।
सुबह 9 बजे चिकित्सक आए तो उसे पर्चा वितरण की बड़ी लाइन में लगने को कहा। इस पर रामभरत ने कहा कि वह हॉटस्पॉट शहर से आया है। उसे दूसरे रोगियों से अलग रखा जाए,लेकिन इसकी बात को किसी ने गंभीरता से नहीं लिया।
साहब क्यों खतरा बढ़ा रहे हो… रामभरत ने बताया कि उसने चिकित्सक से कहा कि हॉटस्पॉट जगह से आए रोगियों की अलग स,े लाइन लगाएं। जांच कक्ष में ही पंजीयन करना भी उचित रहेगा। क्या पता बाहर से कोई कोरोना पॉजिटिव आ गया हो तो नतीजा बुरा निकलेग। इस पर चिकित्सक ने उसे शांत रहने को कहा। साथ में जवाब दिया कि सभी मरीजों को जल्दी रहती है। हम किस-किसकी सुनवाई करें…।
ई-मित्र काउंटर बंद, विभागीय काउंटर पर भीड़ धौलपुर जिला कलक्टर की ओर से एक माह पूर्व राजाखेड़ा चिकित्सालय के बाहर दो ई-मित्र केंद्र को पर्चा काउंटर के लिए अधिकृत किया था, लेकिन अब यहां से भी पर्चे के लिए लोगों को लौटाया जा रहा है। फिर भी इन केंद्रों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं की गई है, जबकि सोशल डिस्टेंसिंग की अवहेलना सर्वाधिक पर्चा काउंटर पर ही होती है। सर्वाधिक संक्रमण का खतरा भी वहीं रहता है।
हजारों की तादाद में आ रहे हैं प्रवासीराजाखेड़ा उपखंड में विभागीय संख्या के आधार पर ही साढ़े तीन हजार से अधिक प्रवासी लौट रहे हैं। इनके अलावा भी निजी साधनों से लोग आ रहे हैं। अगर विभागीय अमला इसी तरह कार्य करता रहा तो निश्चित ही क्षेत्र की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है ।
इनका कहना है
मैंने चिकित्सा प्रभारी को 5 मई को ही निर्देश दिया था कि प्रवासियों के लिए अलग से काउंटर बनाया जाए। आखिर क्यों नहीं बना, इसकी जांच करनी पड़ेगी। उच्चाधिकारियों को इस बाबत लिखूंगा। निश्चित ही यह खतरनाक मामला है। ई-मित्र पर्चे इसलिए नहीं बना रहे कि कोविड-19 के तहत सभी पर्चे निशुल्क कर दिए हैं तो उनको कमीशन नहीं मिल पाता।
डॉ. महेश वर्मा, बीसीएमओ।