संस्कृत कॉलेज से एबीवीपी के विष्णु गौतम ने अध्यक्ष (president), खुश्बू कहलात ने उपाध्यक्ष (vice president), गिरजेश द्विवेदी ने महासचिव (general seceratary) और अनिता जाटव ने संयुक्त सचिव (joint seceratary) पद पर नामांकन किया था। कॉलेज में कोई आपत्ति या नामांकन खारिज नहीं हुआ। एनएसयूआई ने यहां प्रत्याशी ही नहीं उतारे। ऐसे में चारों पदों पर अभाविप (abvp) के प्रत्याशी निर्विरोध जीत गए। प्राचार्य डॉ. विनय चंद्र झा ने इनके निर्वाचन की अधिकृत घोषणा (declaration) करते हुए शपथ दिलाई।
राजकीय कन्या महाविद्यालय में भी उपाध्यक्ष पद पर एबीवीपी की पूजा मेघवंशी और संयुक्त सचिव पद पर नेहा जोशी निर्विरोध निर्वाचित (elected) हुई। इसी तरह महर्षि दयानंद सरस्वती विश्वविद्यालय में एनएसयूआई के उपाध्यक्ष पद (vice president) के प्रत्याशी महावीर सिंह का पर्चा खारिज हो गया। जांच में उसकी शैक्षिक योग्यता स्नातक स्तर (ug level) निकली। यहां अभाविप का दीपक चौधरी निर्विरोध निर्वाचित हुआ। हालांकि परिणाम की घोषणा (result declaration) 28 अगस्त को की जाएगी।
एमडीएस विश्वविद्यालय में इस बार अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के अध्यक्ष पद प्रत्याशी रामेश्वर छाबा (rameshwar chaba) का मुकाबला एनएसयूआई के शुभम चौधरी (shubham chaudhry)से होगा। यहां तीन निर्दलीय प्रत्याशियों (independent) ने अध्यक्ष पद से नाम वापस ले लिया। यहां महासचिव और संयुक्त सचिव पद पर भी एबीवीपी-एनएसयूआई में सीधी टक्कर होगी। राजकीय कन्या महाविद्यालय में अध्यक्ष पद पर एबीवीपी की कांता जाखड़ (kanta jakhar) का मुकाबला निर्दलीय प्रत्याशी मंजु रावत (manju rawat) से होगा। यहां अध्यक्ष पद से कामना बबेरवाल और पार्वती चौधरी ने नाम वापस ले लिया। यहां एनएसयूआई ने किसी पद पर प्रत्याशी ही नहीं उतारा।
शहर में सबसे चर्चित चुनाव इसी कॉलेज में होंगे। यहां अध्यक्ष पद के एनएसयूआई दावेदार दिनेश चौधरी (dinesh chaudhry)और एबीवीपी के विकास चौधरी (vikas chaudhry) के अलावा अकबर काठात ने ताल ठोकी है। उपाध्यक्ष पद पर भी दोनों संगठनों के प्रत्याशियों के सामने तीन निर्दलीय प्रत्याशी हैं। महासचिव पद पर अभाविप और एनएसयूआई में आमने-सामने का मुकाबला (election fight) होगा। जबकि संयुक्त सचिव पद पर एनएसयूआई की फाल्गुनी धौलखेडिय़ा और एबीवीपी के ऐश्वर्या भोजवानी को पांच निर्दलीय ने चुनौती दी है।