वर्ष 1949 में राजस्थान लोक सेवा आयोग सेवा
(rpsc) का गठन किया गया था। इसका कार्य निर्धारण राजस्थान लोक सेवा आयोग नियम एवं शर्तें 1963, राजस्थान लोक सेवा आयोग ( शर्तें एवं प्रक्रिया का मान्यकरण अध्यादेश -1975, नियम-1976) के तहत हुआ है। आयोग में शुरुआत से अध्यक्ष सहित पांच सदस्य होते थे। कांग्रेस सरकार ने पिछले कार्यकाल (2013) में दो सदस्यों की संख्या बढ़ा दी थी। इससे आयोग सात सदस्यीय (seven members) हो गया है।
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rpsc Innovation: बनेगा खास बार कोड, अंदर रहेगी पूरी जन्म कुंडली नहीं है कांग्रेस का नियुक्त कोई सदस्यआयोग में मौजूदा वक्त कांग्रेस (congress govt) का नियुक्त कोई सदस्य नहीं है। कांग्रेस सरकार ने 2013 में डॉ. आर. डी. सैनी, डॉ. के. आर. बगडिय़ा और सुरजीतलाल मीना की आयोग में नियुक्ति की थी। इन तीनों का कार्यकाल खत्म हो चुका है। मौजूदा वक्त आयोग में पिछली भाजपा सरकार द्वारा नियुक्त डॉ. शिवसिंह राठौड़, राजुकमारी गुर्जर और डॉ. रामूराम राइका ही सदस्य रह गए हैं।
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New jobs: प्रदेश में होगी भर्तियां, मिलेगा अजमेर को भी फायदा बनाने होंगे चार सदस्य कांग्रेस सरकार को आयोग में चार सदस्यों की नियुक्ति करनी होगी। इनमें सातवां सदस्य भी शामिल है, जो पिछले छह साल से रिक्त है। इसको लेकर कई विश्वविद्यालयों में कार्यरत प्रोफेसर, कॉलेज प्राचार्य (principal), कुलपति (vice chancellor), आईएएस (IAS) और आईपीएस (IPS) अधिकारी दौड़-भाग में जुटे हैं। सियासी गलियारों में भी उनकी हलचल बढ़ी हुई है। मुख्यमंत्री गहलोत (CM Ashok gehlot) का सोशल इंजीनियरिंग (social engineering) फार्मूला सदस्यों की नियुक्ति में दिखाई देगा। इसके तहत आयोग में एससी, एसटी, अल्पसंख्यक, अन्य पिछड़ा वर्ग, अति पिछड़ा वर्ग से ताल्लुक रखने वालों को सदस्य बनाया जा सकता है।