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अजमेर

वेद मंत्रों से गुंजायमान हुआ ऋषि उद्यान

ऋषि मेला आज से, 20 अक्टूबर को होगा समापन,  महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती वर्ष में विशेष रहेगा बलिदान दिवस अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुक्रवार से पुष्कर रोड िस्थत ऋषि उद्यान में ऋषि मेले का उद्घाटन गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत करेंगे। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव […]

अजमेरOct 18, 2024 / 12:21 am

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ऋषि मेला आज से, 20 अक्टूबर को होगा समापन, 

महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती वर्ष में विशेष रहेगा बलिदान दिवस

अजमेर. महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती के उपलक्ष्य में शुक्रवार से पुष्कर रोड िस्थत ऋषि उद्यान में ऋषि मेले का उद्घाटन गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत करेंगे। समारोह में विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी और सांसद घनश्याम तिवारी विशिष्ट अतिथि होंगे। परोपकारिणी सभा के प्रधान ओममुनि ध्वजारोहण कर करेंगे। स्वागत जेबीएम ग्रुप के सुरेंद्र कुमार करेंगे। गुरुवार तक करीब 4000 साधु संन्यासी अजमेर पहुंच चुके हैं।आमन्त्रित अतिथियों में विधायक अनिता भदेल, भाजपा हरियाणा के प्रभारी डॉ. सतीश पूनिया, हरियाणा के सूचना आयुक्त डॉ. कुलबीर छिक्कारा, चन्द्रशेखर संगठन मन्त्री, भाजपा तेलंगाना शामिल हैं। दक्षिण भारत सहित देश के कोने-कोने से श्रद्धालू मेले में आएंगे।
विभिन्न कार्यक्रम होंगे

5.00 से 06.30 तक योग की सूक्ष्म क्रियाएं-आसन प्राणायाम ध्यान-संध्या

7.00 से 08.30 तक यजुर्वेद पारायण यज्ञ।

8.35 से 08.55 तक वेद प्रवचन, डॉ. वेदपाल।

सुबह 10 बजे – ध्वजारोहण, ओममुनि-प्रधान परोपकारिणी सभाकार्यक्रम के आकर्षण
गोरक्षा, वेद प्रचार, सोशल मीडिया और आर्यसमाज, स्त्री-शिक्षा, युवा, गुरुकुल और राष्ट्र-रक्षा सम्मेलनों का आयोजन।- वानप्रस्थ एवं संन्यास की दीक्षा, महर्षि दयानन्द के जीवन के ऊपर लेजर शो, ऋषि दयानन्द के जीवन की प्रेरक प्रदर्शनियां, वेद-कण्ठस्थीकरण की परीक्षा, ऋषि दयानन्द के जीवन पर विशेष गोष्ठियाँ- नाटिकाएं, वैदिक धार्मिक स्वास्थ्यवर्धक साहित्य एवं यज्ञादि के उपकरणों का विक्रय, विद्वानों का सम्मान।
यजुर्वेद पारायण महायज्ञज्ञान, पवित्रता, स्वास्थ्य व भक्तिवर्धक यजुर्वेद पारायण महायज्ञ – 14 अक्टूबर से मूला स्थल पर जारी है पूर्णाहुति 20 अक्टूबर को सुबह 9 बजे होगी।

————————————————-यजुर्वेद की महत्ता पर प्रकाश डाला
इससे पहले गुरुवार को यज्ञ के ब्रह्मा अहमदाबाद विश्वविद्यालय गुजरात के पूर्व-प्रोफेसर डॉ. कमलेश शास्त्री ने कहा कि यजुर्वेद भूत, वर्तमान व भविष्य से जोड़कर रखता है। यजुर्वेद परायण यज्ञ में कमलेश शास्त्री के ब्रह्त्व में वेद मंत्रों की आहूतियां दी गईं। यज्ञ पारायण पर कमलेश शास्त्री के उपदेश हुए। उन्होंने कहा कि “सौम्यं मधु-पिबन्तु… मदन्तु” मन्त्र की व्याख्या सौम्य मधुपान के फल हैं। प्रसन्नता, प्रसन्न रहकर अपने को विविध विद्याओं से युक्त करना और सांसारिक व आध्यात्मिक कर्म व आचरण में वह विद्या उतर जाए।स्वाहा शब्द का अर्थ
यजुर्वेद के 22वें अध्याय में स्वाहा का अर्थ है,अपने हाथ के द्रव्य को संसार हित के लिए देवता को समर्पित करना। सिर्फ मानव जीवन में ही स्वाहा शब्द बोलने व करने को मिलता है। डॉ. सूर्यादेवी चतुर्वेदा, डॉ. प्रो. राजेन्द्र विद्यालंकार, डॉ. सुरेन्द्र कुमार पूर्व कुलपति गुरुकुल कांगड़ी हरिद्वार, डॉ. वेदप्रकाश विद्यार्थी पूर्व अधिकारी हिन्दी निदेशालय, महेश विद्यालंकार, पूर्व विभागाध्यक्ष दिल्ली विश्वविद्यालय, प्रो. डॉ. रघुवीर वेदालंकार (राष्ट्रपति पदक प्राप्त) डॉ. प्रो. नरेश कुमार धीमान् डॉ. महावीर मीमांसक, पद्मश्री प्राचार्य सुकामा स्वामी रामदेव, स्वामी विवेकानन्द परिव्राजक।

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