दरगाह थाने के एएसआई राजाराम व सिपाही भरत एक मामले की जांच के लिए मुम्बई गए थे। बांद्रा एक्सप्रेस से लौटते में रतलाम रेलवे स्टेशन पर 6 मई 2023 को सीट को लेकर यात्रियों व टीटी से विवाद हुआ। आरोप था कि दाेनों पुलिसकर्मियों ने मदहोशी में बदसलूकी की। रतलाम जीआरपी ने टीटी की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की। राजाराम की ओर से भी मुकदमा दर्ज कराया गया। ट्रेन में सवार मुम्बई की एक महिला यात्री ने भी डीजी उमेश मिश्रा व आलाधिकारियों को शिकायत भेजी थी। पुलिस अधीक्षक चूनाराम जाट ने विश्नोई को इस मामले में राजाराम व भरत के खिलाफ विभागीय जांच सौँपी थी।
इसलिए जांच रिपोर्ट पर सवाल
विश्नोई की ओर से राजाराम को घटना के दौरान नशे में नहीं होना मानते हुए क्लीनचिट दी गई है। जबकि रतलाम जीआरपी ने 7 मई को ही दोनों का मेडिकल करा लिया था। मेडिकल रिपोर्ट में दोनों को नशे में होना नहीं माना गया। यह अलग बात है कि तब ना तो उनका ब्रीथ एनालाइजर टेस्ट कराया और ना ही किसी तरह का लेब टेस्ट। लगभग एक महीने बाद विश्नोई ने उसी रिपोर्ट को आधार मानते हुए 9 जून को दोनों को पाक साफ करार दिया। चर्चा यह है कि हंगामा करने के कारण विभागीय जांच का सामना कर रहे दोनों पुलिसकर्मियों की रिपोर्ट एक माह तक क्यों नहीं दी गई और जाने से पहले ही क्यों दी। और दी भी तो महज मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर ही क्यों ? ना तो दूसरे पक्ष के बयान लिए और ना ही किसी अन्य सहयात्री से पूछताछ की गई।
आईजी ने किया था राजाराम को निलम्बित
तत्कालीन आईजी रूपिन्दर सिंघ ने मामले में संज्ञान लेते हुए एएसआई राजाराम जिस प्रकरण के अनुसंधान में मुम्बई गए थे। उस फाइल को तलब किया। फाइल की जांच में आईजी सिंघ के सामने थाना स्तर पर कई अनियमितताएं सामने आईं। इस पर तत्कालीन थानाप्रभारी अमरसिंह भाटी को लाइन हाजिर किया और एएसआई राजाराम को निलम्बित कर दिया।
इनका कहना है…
मैंने क्लीनचिट नहीं दी। मैं बयान लेने रतलाम नहीं जा सका। मुझे सिर्फ शराब के नशे में हंगामे की जांच दी थी। मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर मैने रिपोर्ट दे दी। हंगामे में परस्पर मुकदमे दर्ज है। टीटी व यात्रियों से गलत आचरण की रिपोर्ट मैंने नहीं दी।
सुशील कुमार विश्नोई, निलम्बित आईपीएस