आज मंगलवार को प्रातः गायत्री शक्तिपीठ संस्थान के सामने से मेला मैदान तक आध्यात्मिक पदयात्रा का आयोजन किया गया। जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत, सभापति कमल पाठक, मेला मजिस्ट्रेट गौरव मित्तल सहित जिले के अधिकारियों की मौजूदगी में निकलने वाली इस धार्मिक आध्यात्मिक पदयात्रा के दौरान संत महंतों का जगह-जगह पर पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया।
श्रद्धालु कार्तिक प्रबोधिनी एकादशी के अवसर पर संतो-महंतों का आशीर्वाद लेने बड़ी तादाद में पहुंचे। आज से पुष्कर में सामाजिक समरसता के साथ धार्मिक पुष्कर मेले का आगाज हो चुका है। प्रात: काल यात्रा के दौरान जगह-जगह स्वागत द्वार लगाए गए। मेला मैदान पहुंचने पर पदयात्रा में शामिल संतों, महंतों का स्वागत किया गया। बता दें कि आज कार्तिक मास की एकादशी पर पुष्कर सरोवर में शुरू हुआ स्नान का सिलसिला आगामी 15 नवंबर तक जारी रहेगा।
चार दिनों का महा स्नान
पुष्कर मेले का धार्मिक स्नान कार्तिक एकादशी से पूर्णिमा तिथि तक 5 दिनों का होता है लेकिन इस बार चतुर्दशी तिथि क्षय होने के कारण यह पंच तीर्थ स्नान चार दिनों का ही होगा। इन पांच दिनों की अवधि में पुष्कर सरोवर के 52 घाटों पर संतों- महंतों के डेरे लगे रहेंगे।सरोवर के घाटों पर पर्याप्त रोशनी
पुष्कर सरोवर में कार्तिक माह में स्नान के लिए आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मुख्य घाटों पर अतिरिक्त मजिस्ट्रेट नियुक्त किए गए हैं। इसके अलावा नगर पालिका की ओर से गहरे पानी में संकेतक के रूप में लाल झंडिया लगाई गई है। पुष्कर सरोवर के घाटों पर पर्याप्त रोशनी की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा घाटों पर पुलिस की व्यवस्था रहेगी। एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ के जवानों की टुकडियां स्नान करने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए मुस्तैद रहेंगी। गहरे पानी से संभावित हादसे को टालने के लिए सरोवर के मुख्य घाटों पर तीन नाव तैनात रहेंगी। इसके अलावाकस्बे में जगह-जगह सार्वजनिक उद्बोधन तंत्र की व्यवस्था भी की गई है।