कृष्णा केशव पीसांगन के प्राचार्य महेद्र सिंह चौहान ने बताया कि लॉकडाउन के 43 दिनों में उन्हें प्रकृति की स्वच्छता सबसे पसंद आई है। वे रोजाना उठने के बाद योग-व्यायाम करते हैं। परिवार संग चाय नाश्ता करने के बाद काम में जुटते हैं। 32 साल बाद उन्हें टीवी पर रामायण और महाभारत सीरियल देखने का मौका मिला है। शाम को बच्चों के साथ क्रिकेट भी खेलते हैं।
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ऑनलाइन शिक्षण खासमहेंद्र ने बताया कि लॉकडाउन में बच्चों की पढ़ाई सुचारू रूप से जारी हैं। ऑनलाइन प्लेटफार्म पर 1400 बच्चों को रोजाना ई-क्लास माध्यम से पढ़ाया जाता है। सुबह 10 से 2 बजे तक ई-व्याख्यान, वीडियो अथवा यू-ट्यूब पर अपलोड करना, बच्चों की समस्याओं का समाधान, होमवर्क चैकिंग में 32 से ज्यादा शिक्षक कार्यरत हैं। ऑनलाइन शिक्षण में परिजनों का सहयोग भी भरपूर मिल रहा है।
टाटा पावर के सीईओ गजानन काले ने बताया कि लॉकडाउन में 24 घंटे बिजली आपूर्ति सबसे अहम है। कई बार बरसात और तेज हवाएं चली है। इसमें बिजली व्यवस्था बनी रहे इसका खास ध्यान रख रहे हैं। सरकार के नियमानुसार ऑफिस में केवल जरूरी स्टाफ को बुलाया है। 50 प्रतिशत स्टाफ फील्ड और अन्य ऑपरेशन में कार्यरत है। बिजली और स्टाफ का बैकअप प्लान की रोज ऑनलाइन मॉनिटरिंग करते हैं।
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टहलते हैं सुबह छत पर
काले के मुताबिक लॉकडाउन में पर्यावरण सबसे ज्यादा सुधरा है। वे रोज छत पर सुबह आधा घंटा टहलते और ्व्यायाम करते हैं। गर्म पानी का सेवन और पौष्टिक आहार लेते हैं ताकि स्वस्थ रहें। स्टाफ को भी लगातार सेहत का ध्यान रखने, व्यायाम करने की सलाह देते हैं। इन दिनों ऑनलाइन सेवाओं पर सरकार और कम्पनी ने ज्यादा फोकस किया है। इससे उपभोक्ताओं को ऑफिस कम आना पड़ रहा है।