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अजमेर

Online business :पहले खाया 9 लाख का फटका ,अब इंसाफ के लिए खा रहे पुलिस के चक्कर

किशनगढ़ के व्यवसायी के साथ 9 लाख रुपए की धोखाधड़ी का मामला( fraud case) : पीडि़त ने मुख्यमंत्री, डीजी, आईजी, एसपी तक लगाई फरियाद, नहीं मिला संतोषजनक जवाब

अजमेरSep 04, 2019 / 11:13 am

Preeti

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अजमेर. ऑन लाइन व्यवसाय (online-business)के फेर में 9 लाख रुपए का फटका खा चुके किशनगढ़ के व्यापारी तीन माह से दर-दर की ठोकरे खा रहा है लेकिन उसे कहीं से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका है। वह बीते तीन माह में मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, पुलिस महानिरीक्षक, कलक्टर व पुलिस अधीक्षक के यहां फरियाद कर चुका है लेकिन पुलिस है कि अनुसंधान का तरीका बदलने को तैयार नहीं है।
मदनगंज किशनगढ़ शिवाजीनगर निवासी नरेन्द्रसिंह ने बताया कि 5 जून को मदनगंज किशनगढ़ थाने में धोखाधड़ी (Fraud) का मुकदमा दर्ज कराया। दो माह से ज्यादा बीतने के बाद भी मदनगंज किशनगढ़ थाना पुलिस की अनुसंधान उसके मामले में आगे नहीं बढ़ सका है। जबकि मामले में वह पुलिस अधीक्षक कुंवर राष्ट्रदीप, आईजी संजीव नार्जरी समेत पुलिस महानिदेशक और मुख्यमंत्री तक को फरियाद लगाई लेकिन मदनगंज किशनगढ़ थाना पुलिस का रवैया उसके प्रकरण में जस का तस बना हुआ है।
यह है मामला-

नरेन्द्रसिंह ने बताया कि पत्नी वेंकटेश्वरी का वेंकटेश गृह उद्योग Home industry के नाम से मसाले, मुर्गी दाने का व्यवसाय है जिसकी सार-संभाल वह करता है। उसने नई दिल्ली लक्ष्मीनगर ललित पार्क स्थित अलसु एन्टरप्राइजेज के जुहैब अब्बास रिजवी को 395 क्विंटल मक्का खरीदकर दार्जिलिंग से किशनगढ़ एफआरओ डिलीवरी का ऑर्डर (order) दिया। रिजवी ने मक्का की खरीद स्वीकार करते हुए ट्रक लदान की बिल्टी बालाजी एन्टरप्राइजेज व ट्रक भाड़ का अग्रिम भुगतान 50 हजार रुपए की फोटो भेजकर चालक शहजाद व ट्रक मालिक नवीन चौधरी के आधार कार्ड, वाहन का रजिस्ट्रेशन नम्बर (Registration number) भेज दिया। माल लदान की बिल्टी, ट्रक का रजिस्ट्रेशन नम्बर (Registration number) व चालाक का आधार नम्बर भेजने पर उसने फर्म अलसु एन्टरप्राइजेज के आंध्र प्रदेश के अलग-अलग बैंक के खाते में 7 लाख 83 हजार रुपए ऑन लाइन ट्रांसफर(On line transfer) कर दिए।
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रकम ट्रांसफर होने के बाद जब उसने ट्रांसपोर्ट कम्पनी में माल रवाना करने की बात कही तो पता चला कि उन्हें भाड़े का अग्रिम भुगतान नहीं हुआ। जिस पर ट्रांसपोर्ट कम्पनी(Transport company) ने मक्के की डिलीवरी करने से इन्कार कर दिया। ट्रांसपोर्ट कम्पनी संचालक ने बताया कि रिजवी के कहे अनुसार बिल्टी व अग्रिम भाड़े और लदान के दस्तावेज तैयार कर दिए। जिसको आरोपी ने व्हाट्सएप के जरिए उन्हें भेजकर भुगतान उठा लिया।

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