प्रदेश और जिले में मानसून की अवधि (monsoon period) 1 जून से 30 सितम्बर (122 दिन) तक मानी जाती है। इस दौरान होने वाली बरसात से खेतों में सिंचाई (farm irrigation), तालाबों (ponds)-बांधों (dams) में पानी आता है। साथ ही साल भर जलापूर्ति के लिए पानी मिलता है। इस साल मानसून के 66 दिन (66 days) बीत चुके हैं। अब 55 दिन और बचे हैं। इस दौरान होने वाली बारिश (barish in ajmer) जिले के लिए वरदान साबित होगी।
सात साल से हो रही कम बारिश पिछले सात साल में अजमेर जिले पर इंद्रदेव ज्यादा मेहरबान नहीं हुए हैं। मानसून कभी जून (june) अंत तो कभी जुलाई (july) के पहले पखवाड़े में सक्रिय होता रहा है। जिले में कई बड़े जलाशयों में तो नाम मात्र का पानी पहुंच रहा है। साल 2012 में 520.2, 2013 में 540, 2014 में 545.8, 2015 में 381.44, 2016 में 512.07,2017 में 450 और 2018 में 325 (1 जून से 30 सिंतबर तक) मिलीमीटर बरसात ही हो पाई थी। साल 2019 में 1 जून से अब तक करीब 450 मिलीमीटर बारिश हो चुकी है। जिले की औसत (average) बारिश 550 मिलीमीटर मानी जाती है।
जिले में अब तक बारिश
अजमेर 463,, श्रीनगर 186.5, गेगल 100, पुष्कर 541, गोविंदगढ़ 241, बूढ़ा पुष्कर 200, नसीराबाद 247, पीसांगन 538, मांगलियावास 372, किशनगढ़ 273, बांदरसींदरी 47, रूपनगढ़ 370, अरांई 257, ब्यावर 496, जवाजा 355, टॉडगढ़ 391, सरवाड़ 396, गोयला 309, केकड़ी 375, सावर 137, भिनाय 489, मसूदा 276, बिजयनगर 317, नारायण सागर 292 मिलीमीटर (1 जून से अब तक बारिश)
जलाशयों में पानी (फीट में) आनासागर 15, फायसागर 14, पुष्कर 22.0, रामसर 5, शिवसागर न्यारा 14.1, राजियावास 4.5, मकरेड़ा 10.6, गोविंदगढ़ 1, अजगरा 8.11, ताज सरोवर अरनिया 13.4, मदन सरोवर धानवा 8.3, मुंडोती 3 इंच, पारा प्रथम 5.10, पारा द्वितीय 5.6, नाहर सागर 2.10, नारायणसागर खारी 1.9, डेह सागर बड़ली 10.6, न्यू बरोल 4, मान सागर जोताया 5.6, लसाडिय़ा 1.7, बिसंूदनी बांध 2.70