अजमेर. मोबाइल रेस्टोरेंट आमजन के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर सकती है। अजमेर ही नहीं प्रदेशभर में वाहनों में रेस्टोरेंट चल रहे हैं। इनमें अधिकांश ने स्वास्थ्य विभाग से ना तो लाइसेंस ले रखा है ना पंजीकरण करवा रखा है। कुछ ने निकायों से वाहन संचालन/जगह की इजाजत तो ले ली मगर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के खाद्य सुरक्षा विभाग से फूड लाइसेंस (खाद्य)तक नहीं लिए हैं।
अजमेर शहर में जयपुर रोड, वैशालीनगर, पुष्कर रोड, नसीराबाद रोड, रामगंज रोड सहित अन्य जगह वाहनों के अंदर रेस्टोरेंट चल रहे हैं। इन वाहनों में ही वेज, नॉनवेज खाना तैयार हो रहा है, कोई फास्ट फूड बेच रहा है। यही नहीं इन रेस्टोरेंट से ऑनलाइन सप्लाई भी घरों तक की जा रही है। मगर खाद्य पदार्थ व भोजन की गुणवत्ता के मामले में कभी भी कोई घटना उत्पन्न हो सकती है।
कुछ कंपनियों के नाम पर ऑनलाइन पार्सल सप्लाई करने वाले खाद्य सुरक्षा मानक का नहीं ध्यान
इन मोबाइल रेस्टोरेंट में खाद्य सुरक्षा मानकों का ध्यान भी नहीं रखा जा रहा है। कुछ वाहन तो गंदगी वाले क्षेत्र के आसपास खड़े रहते हैं। सड़क की उड़ती धूल व गंदगी भी इन तक पहुंचती है।
वेटर व कुक के नहीं हेल्थ सर्टिफिकेट इन वाहनों में भोजन पकाने वाले एवं परोसने वाले (पार्सल) कार्मिकों के हेल्थ सर्टिफिकेट भी नहीं हैं। वहीं कुक एवं वेटर भी समय-समय पर बदल जाते हैं। कोई काम छोड़ कर चला जाता है। ऐसे में सभी कार्मिकों हेल्थ सर्टिफिकेट बनवाने से भी गुरेज किया जा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग में लाइसेंस व नवीनीकरण की स्थिति चिकित्सा विभाग के खाद्य सुरक्षा के तहत अजमेर जिले में फूड लाइसेंस एवं नवीनीकरण लाइसेंस की संख्या करीब 5100 है। वहीं मोबाइल रेस्टोरेंट (वाहनों में संचालित) के करीब 2 या तीन लाइसेंस ही जारी है। जबकि शहर में इस तरह के करीब 20 से अधिक मोबाइल रेस्टोरेंट/दुकानें संचालित हैं।
इनका कहना है वाहनों में चलने वाले रेस्टोरेंट के लिए फूड लाइसेंस लेना आवश्यक है। अगर किसी ने लाइसेंस नहीं लिया है तो कार्रवाई की जाएगी।
डॉ.के.के. सोनी, सीएमएचओ