छात्रसंघ अध्यक्ष सीताराम ने बताया कि खेल बोर्ड ने 31 जुलाई के बाद कॉलेज में प्रवेश लेने वाले विद्यार्थियों पर खेलकूद गतिविधियों में भाग नहीं लेने का नियम लागू किया है। यह पूर्व तरह असंवैधानिक (un constitutional) है। एक तरह विश्वविद्यालय की सालाना परीक्षाएं (annual examination) देरी से हुई हैं। अब तक कई परिणाम बकाया (result awaited) हैं। इनमें बीपीएड (B.ped) और अन्य परिणाम शामिल हैं। कई निजी कॉलेज में विद्यार्थी (college students) 31 जुलाई तक कॉलेज में प्रवेश नहीं ले पाए हैं। यह नियम विश्वविद्यालय ने जबरन थोपा है।
पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष लोकेश गोदारा ने चेताया कि खेलकूद स्पर्धाओं (sports) में विद्यार्थियों के साथ (students) अन्याय हो रहा है। विश्वविद्यालय ने शर्त/नियम (rules-regulation)नहीं हटाया तो किसी कॉलेज में अंतर कॉलेज खेलकूद स्पर्धाएं नहीं होने दी जाएंगी।
छात्रों ने खेल बोर्ड के नियम को लेकर ज्ञापन दिया है। इसका उच्च स्तरीय परीक्षण कराया जाएगा।
भागीरथ सोनी, कार्यवाहक कुलसचिव मदस विश्वविद्यालय