हत्या की घटना का खुलासा करते हुए देवली डीएसपी सुरेश कुमार ने बताया कि मंगलवार को नासिरदा थाना क्षेत्र के मालेड़ा गांव के पास पानी में एक अज्ञात महिला का शव पानी में तैरते हुए मिला था। महिला के शरीर पर मिट्टी से भरे हुए कट्टे बंधे हुए थे। सूचना पर नासिरदा पुलिस ने मौके पंहुचकर शव को बाहर निकाला और शिनाख्त के प्रयास किए। मृतक महिला की पहचान बिमला पत्नी धनराज पुत्री दीवान मीणा निवासी कंवर जी का कालेड़ा थाना सावर होना पाया गया। शव का पोस्टमार्टम शव परिजनों को सौंप दिया।
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पुलिस ने मृतका के बड़े पिता रघुवीर मीणा की रिपोर्ट के आधार पर मुकदमा दर्जकर अनुसंधान शुरू किया।रिपोर्ट में बताया कि विमला को घटना की रात शाम को गांव के निवासी छोटू पुत्र बजरंग लोधा व साँवरिया पुत्र सोजी राम लोधा के साथ जाते हुए देखा था।उसके बाद वह वापस नही आई। मामले की गम्भीरता को देखते हुए दोनों व्यक्तियों की तलाश में नासिरदा थाना अधिकारी ओमप्रकाश के नेतृत्व में टीम रवाना हूई। मोबाइल नम्बर की लोकेशन ट्रेस करते हुए जहाजपुर भीलवाड़ा से दोनों को गिरफ्तार कर पूछताछ की। जिसमे उन्होंने घटना को अंजाम देना क़बूल कर लिया।
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कहासुनी में की हत्या
आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि विमला और छोटू के बीच पिछले 3-4 साल से खुले रूप में प्रेम प्रसंग चल रहा था। मुख्य आरोपी छोटू की पत्नी भी इसी कारण से अपने पीहर ही रह रही थी। घटना के एक दिन पहले दोनों के बीच कहासुनी हो गई। इसी को लेकर छोटू ने अपने मित्र साँवरिया के साथ विमला को मौत के घाट उतराने की योजना बनाई। छोटू अपनी कार में सहयोगी के साथ प्रेमिका विमला को बैठाकर ले गया।
इस दौरान उसने अपनी प्रेमिका विमला को नशीली चीज खिलाकर बेहोश कर दिया। उसके बाद लहंगे से गला दबाकर अपने ही हाथों से प्रेमिका को मौत के घाट उतार दिया। अपनी कार से प्रेमिका की लाश को ठिकाने लगाने के लिए वह सहयोगी के साथ पुराने देवली-केकडी सड़क मार्ग पर बनास नदी पर बनी नेगडिया पुल से शव को फेंकने लिए रवाना हुआ। इस बीच रात के अंधेरे में रामथला चौराहे से आगे मालेड़ा के पास बनी छोटी पुलिया को ही नेगडिया पुल समझकर शव को पानी मे फेंक दिया।
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शव पानी में ना तैर सके इसलिए शव के बांधे मिट्टी से भरे कट्टे
आरोपियों ने मृतका के पैरों,कमर व गले मे तीन जगह करीब 30 किलो वजनी कट्टे बांध दिए लेकिन शव फेंके जाने वाली जगह पानी कम गहरा होने से सुबह होते ही शव लोगों को दिख गया। वारदात का खुलासा करने में थानाधिकारी ओमप्रकाश चौधरी, कांस्टेबल राधाकिशन, शिवपाल, शांतिलाल, दिनेश, नाहर सिंह की विशेष भूमिका रही।